मालेगांव मामला: कैमरा की मौजूदगी में सुनवाई से कोर्ट का इनकार
कैमरे की मौजूदगी में सुनवाई में केवल न्यायाधीश, अधिवक्ता, आरोपी तथा प्रत्यक्षदर्शी की मौजूद रहते हैं। इस तरह की सुनवाई में मीडिया या जनता को कार्यवाही की जानकारी नहीं दी जाती है।
मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में कैमरे की मौजूदगी में सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया। अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कैमरे की मौजूदगी में सुनवाई का अनुरोध किया था। एनआईए के विशेष न्यायाधीश वी एस पडालकर ने कहा कि एनआईए की याचिका को अस्वीकार करने के कारणों में से यह है कि सुनवाई ‘ पारदर्शी तरीके से ’ की जा सके।
कैमरे की मौजूदगी में सुनवाई में केवल न्यायाधीश, अधिवक्ता, आरोपी तथा प्रत्यक्षदर्शी की मौजूद रहते हैं। इस तरह की सुनवाई में मीडिया या जनता को कार्यवाही की जानकारी नहीं दी जाती है। महाराष्ट्र के नासिक जिले में मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के निकट 29 सितंबर 2008 को धमाका हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित भी आरोपी हैं।
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