चुनावी चटखारे ले लेकर पढ़िये- महाराष्ट्र के सबसे ताजा Election Update

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भाजपा के सामने मुश्किल यही है कि किस विधायक का टिकट काटे। भाजपा ने शिवसेना पर जवाबी दबाव बनाते हुए रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में कम से कम एक-एक सीट की माँग कर दी है। भाजपा का इन दो जिलों में फिलहाल कोई विधायक नहीं है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अक्तूबर से पहले कहीं टिकटों के लिए माथापच्ची चल रही है तो कहीं गठबंधन को बचाये रखने की चुनौती से दो-चार होना पड़ रहा है। कांग्रेस-राकांपा का गठबंधन फाइनल हो चुका है और दोनों ही दल 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन भाजपा-शिवसेना के बीच पुणे और नासिक की सीटों को लेकर मामला फँसा हुआ है। दरअसल नासिक और पुणे की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं और शिवसेना इन दोनों शहरों से एक या दो सीटें चाहती है क्योंकि उसे लगता है कि यदि वह इन शहरों से चुनाव नहीं लड़ी तो यहां उसका आधार कमजोर हो जायेगा। भाजपा के सामने मुश्किल यही है कि किस विधायक का टिकट काटे। भाजपा ने शिवसेना पर जवाबी दबाव बनाते हुए रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में कम से कम एक-एक सीट की माँग कर दी है। भाजपा का इन दो जिलों में फिलहाल कोई विधायक नहीं है। भाजपा और शिवसेना के बीच मुंबई की दो विधानसभा सीटों और मराठवाड़ा की एक सीट को लेकर भी पेंच फँसा हुआ है। इस पेंच के चलते हालाँकि गठबंधन टूटने के तो आसार नहीं हैं लेकिन दोनों पार्टियों के नेताओं को मसले सुलझाने में कितनी दिक्कत हो रही है यह शिवसेना नेता और प्रवक्ता संजय राउत के बयान से पता चल जाता है जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में सीटों के बँटवारे का काम भारत पाकिस्तान बँटवारे से ज्यादा मुश्किल काम है। इस तरह की खबरें हैं कि इस बात पर सहमति हो चुकी थी कि भाजपा 150, शिवसेना 120 और 18 सीटें गठबंधन की अन्य पार्टियों को दी जाएंगी लेकिन शिवसेना ने अपनी माँग में इजाफा कर दिया जिससे नयी मुश्किलें सामने आ खड़ी हुईं। फिलहाल दोनों ही पार्टियों के नेता सीटों का पेंच सुलझाने में लगे हुए हैं अगर यह पेंच सुलझ जाता है तो 26 सितम्बर को जब अमित शाह मुंबई आएंगे तो उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने मातोश्री जा सकते हैं। हालांकि दोनों ही दल गठबंधन की औपचारिक घोषणा शनिवार को पितृपक्ष की समाप्ति के बाद ही करेंगे।

जहाँ तक महाराष्ट्र में अन्य चुनावी हलचलों की बात है तो आइए उन पर भी नजर डालते हैं।

आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जहाँ खुलकर राष्ट्रवाद का मुद्दा उठा रही है तो इसके जवाब में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि हम सबसे बड़े राष्ट्रवादी हैं। उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी का नाम राष्ट्रवादी है, लेकिन भाजपा का राष्ट्रवाद नकली है।' पूर्व मंत्री मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को लेकर जनता को भ्रमित करने का काम शुरु कर दिया है। नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा की हालिया नासिक रैली को उद्धृत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उस सभा में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर को भारत में मिलाया, लेकिन कुछ समय पहले तक जब भाजपा जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर सरकार चला रही थी, तब क्या वह सरकार विदेशी थी।

इस बीच, अब यह साफ हो गया है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा महागठबंधन में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को शामिल नहीं किया जाएगा। इसकी पुष्टि राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी महाआघाडी में मनसे को शामिल नहीं किया था और न ही विधानसभा चुनाव में ऐसा किया जायेगा।

राकांपा के बारे में एक अन्य खबर यह भी है कि पार्टी सोमवार को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करने वाली थी, लेकिन ऐन वक्त पर इसकी रिलीज को रोक दिया गया। दरअसल कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों ने राकांपा को सलाह दी कि अलग से घोषणापत्र जारी करने की बजाय महाआघाडी की ओर से संयुक्त घोषणापत्र रिलीज किया जाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।

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उधर, राज्य प्रशासन ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद सभी पार्टियों के होर्डिंग और बैनर तथा पोस्टर आदि हटाने शुरू कर दिए हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिख कर कहा है कि राज्य भर में पेट्रोल पंपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो वाले पोस्टर और सरकारी विज्ञापन अभी भी दिखाई दे रहे हैं जिन्हें तत्काल हटाया जाना चाहिए।

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इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की जो घोषणा की है उससे महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा फायदा होगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में दावा किया कि अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वार से जहां विदेशी कंपनियां दूसरे देशों में जा रही थीं वहीं अब वह भारत और खासकर महाराष्ट्र में आएंगी, क्योंकि विदेशी निवेशकों की पहली पसंद महाराष्ट्र ही है।

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उधर, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पहली सूची में 8 उम्मीदवारों के नाम हैं। इन 8 नामों में से 3 मुंबई से हैं। आम आदमी पार्टी कुछ छोटे दलों के साथ गठबंधन पर बातचीत कर रही है अगर गठबंधन नहीं हुआ तो वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची में जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विठ्ठल गोविंद लाड का नाम भी शामिल है। वह कष्टकरी शेतकरी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हैं और दलित, आदिवासी व किसानों के हित में पिछले 36 वर्षों से काम कर रहे हैं।

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