महाराष्ट्र: सियासी उठापटक के बीच भाजपा का दावा, सदन में साबित करेंगे बहुमत
एनसीपी के बागी विधायकों का शरद पवार के पक्ष में लौटना शुरू हो गया है। राकांपा विधायक माणिकराव कोकाटे और नितिन पवार होटल पहुंच गए हैं, जहां पार्टी के अन्य विधायक ठहरे हुए हैं।
महाराष्ट्र में जारी उठापटक के बीच भाजपा की मुबंई में बैठक खत्म हो गई है। पार्टी की बैठक के बाद विधायक आशीष शेलार ने शिवसेना पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को जनादेश दिया पर इस जनादेश का शिवसेना ने अपमान किया। शिवसेना ने जनादेश का अपमान करके महाराष्ट्र की जनता को धोखा दिया है और महा पाप किया है।
भाजपा विधायक ने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इस बैठक में आगे की रणनीति तय की गई। साथ ही साथ फ्लोर टेस्ट के लिए हमारी तैयारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में एक विश्वास का वातावरण तैयार हुआ है। महाराष्ट्र के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं। हम यहां पर विकास करेंगे। अजित पवार के साथ पूरी भाजपा खड़ी है।
आज महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के बड़े नेता और कई केंद्रीय मंत्रियों के बधाई ट्वीट का धन्यवाद किया और कहा कि हम महाराष्ट्र में एक स्थाई सरकार देंगे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के साथ महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री भी जोड़ लिया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पार्टी के विधायकों की बैठक के लिए भाजपा कार्यालय पहुंचे हैं। पार्टी के विधायकों की बैठक के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, महासचिव भूपेंद्र यादव सहित कई वरिष्ठ नेता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ भाजपा कार्यालय में मौजूद हैं।
होटल रेनेसाँ में पार्टी प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायकों की बैठक हुई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और संजय राउत भी मौजूद रहे। उद्धव ठाकरे ने राकांपा के विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, "चिंता मत करो, यह रिश्ता लंबा चलेगा, हमारा गठबंधन लंबा चलेगा।"
इस बीच एनसीपी के बागी विधायकों का शरद पवार के पक्ष में लौटना शुरू हो गया है। राकांपा विधायक माणिकराव कोकाटे और नितिन पवार होटल पहुंच गए हैं, जहां पार्टी के अन्य विधायक ठहरे हुए हैं।
राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को अनिल पाटिल के ट्वीट को टैग करते हुये ट्वीट किया, जिसमें कहा गया कि वह (पाटिल) राकांपा का हिस्सा बने रहेंगे और उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया।पाटिल ने ट्वीट में कहा कि वह राजभवन गए थे क्योंकि अजित पवार विधायक दल के नेता थे। पाटिल ने ट्वीट में कहा, ‘‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि राजभवन में क्या होने वाला है। मैं शरद पवार के साथ हूं।’’ मलिक ने कहा कि यह पाटिल की पार्टी में वापसी का संकेत है। मलिक ने रविवार को कहा कि पार्टी ने दरोडा और बाबा साहेब पाटिल के दो अलग-अलग वीडियो जारी किए हैं, जिसमें उन्हें यह कहते हुए देखा गया है कि वे राकांपा के साथ हैं।राकांपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘झिरवाल और नितिन पवार से संपर्क किये जाने का भी प्रयास चल रहा है। सभी आज शाम तक पार्टी के साथ वापस आ जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार को भी पार्टी में लौट आने के लिए समझाने की कोशिश की जा रही हैं। मलिक ने कहा, ‘‘अगर वह अपनी गलती स्वीकार कर लेते हैं तो यह उनके लिए बेहतर होगा। हम उन्हें अकेले नहीं छोड़ना चाहते हैं।’’ इससे पहले शनिवार को, दौलत दरोडा के परिवार ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है। दरोडा शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचने के बाद से ही लापता हैं। एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटना में, भाजपा सांसद संजय काकडे और राकांपा नेता जयंत पाटिल, छगन भुजबल और बबन शिंदे ने सुबह शरद पवार से यहां उनके आवास पर मुलाकात की। 15 मिनट तक चली बैठक के बाद, काकडे ने कहा कि वह अपने ‘‘निजी काम’’ के लिए पवार से मिलने आये थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने भी शरद पवार से मुलाकात की।बाद में, चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगी क्योंकि उनके पास ‘‘संख्या बल’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा के सभी गैरहाजिर विधायक जल्द ही पार्टी में लौट आएंगे। कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं।’’राकांपा नेता अजित पवार तथा पार्टी के कुछ और विधायकों की मदद से महाराष्ट्र में शनिवार को भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद अनिल पाटिल और दौलत दरोडा सहित राकांपा के कुछ विधायक ‘लापता’ हो गए थे।सूत्रों के अनुसार, शरद पवार के पोते रोहित पवार समेत 45 से अधिक राकांपा विधायकों को ‘‘खरीद-फरोख्त’’ से बचाने के लिए उपनगर के एक रिजॉर्ट में भेजा गया है। महाराष्ट्र में हुए आश्चर्यजनक उलटफेर में शनिवार को भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनने की घोषणा की थी। बाद में शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई/फैसले’’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की।राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा आनन-फानन में राजभवन में शनिवार सुबह आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नाटकीय तरीके से फडणवीस और पवार को शपथ दिलाए जाने के बाद राकांपा में दरार दिखाई देने लगी। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के कदम से दूरी बनाते हुए कहा कि फडणवीस का समर्थन करना उनका निजी फैसला है न कि पार्टी का। बाद में राकांपा ने अजित पवार को पार्टी विधायल दल के नेता पद से हटाते हुए कहा कि उनका कदम पार्टी की नीतियों के अनुरूप नहीं है।उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में क्रमशः 105 और 56 सीटें जीती हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस को क्रमशः 54 और 44 सीटों पर जीत मिली है।
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