महाराष्ट्र में कोविड-19 के 33 नये मामले, कुल रोगियों की संख्या 781 हुई

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प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को सोमवार को 33 लोगों की कोरोना वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट मिलीं जिसके बाद कोरोना वायरस से राज्य में अब तक संक्रमित रोगियों की संख्या 781 हो गयी हैं। इस बीमारी से राज्य में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है।

मुंबई। महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के 33 और मामलों की पुष्टि होने के साथ राज्य में कुल रोगियों की संख्या 781 हो गयी है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नये मामलों में 19 पुणे से, 11 मुंबई से और सतारा, अहमदनगर तथा वसई (पालघर जिले) से एक-एक मामले आये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को सोमवार को 33 लोगों की कोरोना वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट मिलीं जिसके बाद कोरोना वायरस से राज्य में अब तक संक्रमित रोगियों की संख्या 781 हो गयी हैं। इस बीमारी से राज्य में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है।

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उधर, लॉकडाउन लागू होने के बाद महाराष्ट्र में फंसे कृषि महाविद्यालय के छात्रों का एक समूह नांदेड़ जिले में एक संस्थान में योग सीख रहा है। ये सभी छात्र तेलंगाना के रहने वाले हैं। पिछले महीने से प्रभावी 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद के बाद, महाराष्ट्र के लातूर जिले के दो कृषि महाविद्यालयों के 29 छात्रों ने अपने गृह राज्य लौटने का फैसला किया था। वे 60 किलोमीटर तक पैदल चले और 30 मार्च को नांदेड़ पहुंचे जहां जिला प्रशासन ने उनकी काउंसलिंग की। देगलूर तहसील के तहसीलदार अरविंद बोलंगे ने बताया कि अधिकारियों ने महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा पर स्थित जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर तहसील में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन में उनके 14 दिन ठहरने की व्यवस्था की।

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उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की मदद से वे संस्थान में योग सीख रहे हैं जो इंटरनेट, टेलीविजन और अन्य सुविधाओं से लैस है। तहसीलदार ने कहा, “छात्र अब शिविर में रहने जैसे जीवन का अनुभव कर रहे हैं। सुबह जल्दी उठने के बाद वे योग करते हैं और फिर निर्धारित समय पर नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन करते हैं। वे संस्थान में उपलब्ध टीवी और इंटरनेट की सुविधाओं के जरिए विश्व से जुड़े हुए हैं।” बोलंगे ने कहा कि 29 में से केवल तीन छात्र हिंदी बोल सकते हैं लेकिन भाषा उनके लिए किसी तरह की रुकावट नहीं बनी है और सभी को जरूरी देखभाल एवं सहायता मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बताया, “छात्र किसी भी कीमत पर 30 मार्च को रुकने के लिए तैयार नहीं थे। अब, उनमें से कोई नहीं कहता कि उसे घर जाना है। हमने इन सभी छात्रों के लिए जरूरी प्रबंध किए हैं। देगलूर सीमा पर है और हमारे कुछ अधिकारी जो तेलुगु बोल सकते हैं वे छात्रों से बात करते हैं।''

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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