मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, कॉलेजों में पढ़ाई जाएंगी आरएसएस की किताबें
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 6 अगस्त को इस आरोप को निराधार बताया कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं द्वारा लिखी गई पुस्तकों को राज्य भर के कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करने के संबंध में निर्देश जारी किया है। सरकार ने एमपी के कॉलेजों के लिए ऐसी पुस्तकों को शामिल करना अनिवार्य कर दिया है। सुरेश सोनी, दीनानाथ बत्रा, डी अतुल कोठारी, देवेंद्र राव देशमुख और संदीप वासलेकर द्वारा लिखी गई पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सूची में कुल 88 पुस्तकें शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को ये पुस्तकें खरीदने का आदेश दिया है।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: RSS-BJP के वरिष्ठ नेताओं ने 5 घंटे तक की बैठक, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पहली बार किसी महिला की हो सकती है ताजपोशी
यह घटनाक्रम एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को लेकर विवाद के कुछ दिनों बाद सामने आया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 6 अगस्त को इस आरोप को निराधार बताया कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस विषय का इस्तेमाल अपनी "झूठ की राजनीति" को आगे बढ़ाने के लिए कर रही है, जो विपक्षी पार्टी की घृणित मानसिकता को दर्शाता है।
इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से RSS चिंतित, कहा- यह बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे
यह आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस हमेशा से भारत के विकास और शिक्षा प्रणाली से नफरत करती रही है, प्रधान ने कहा कि जो लोग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और भारतीय शिक्षा प्रणाली को बकवास कह रहे हैं, उन्हें झूठ फैलाने से पहले सच्चाई जानने की कोशिश करनी चाहिए। शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के बीच आई है, जिनमें दावा किया गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की कुछ पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है।
अन्य न्यूज़