उपराज्यपाल बिना जवाबदेही के पद का लुत्फ नहीं उठा सकते, आप की वी के सक्सेना को चेतावनी
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शहर में एक सीवर की सफाई के दौरान दो लोगों की मौत के मामले का संज्ञान लेने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके अधीन आने वाला दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शहर में एक सीवर की सफाई के दौरान दो लोगों की मौत के मामले का संज्ञान लेने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके अधीन आने वाला दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है। अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ‘बिना किसी जवाबदेही के पद का लुत्फ नहीं ले सकते।’
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पार्टी के आरोप पर उपराज्यपाल कार्यालय या दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। पुलिस ने कहा था कि बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में नौ सितंबर को सीवर की सफाई करने गए एक सफाईकर्मी और एक सुरक्षा गार्ड की जहरीली गैस के संपर्क में आने से मौत हो गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने 11 सितंबर को प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया था और मामले में दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को नोटिस जारी किया छा। अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव को सहायता के लिए न्याय मित्र (अदालत का मित्र) नियुक्त किया था।
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डीजेबी के उपाध्यक्ष भारद्वाज ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश शर्मा को मामले का स्वत: संज्ञान लेने और यह पूछने के लिए धन्यवाद देता हूं कि जब दिल्ली में हाथ से मैला ढोने पर प्रतिबंध है तो यह घटना कैसे हुई।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘डीडीए, जो सीधे उपराज्यपाल के अधीन आता है, इन दो लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। उपराज्यपाल बिना जवाबदेही के पद का लुत्फ नहीं ले सकते।’’ भारद्वाज ने दावा किया कि यह स्पष्ट है कि ‘सवालों के घेरे में आया विभाग’ इस मुद्दे से बच रहा है और अपने ‘गंभीर अपराध’ को स्वीकार नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीवर लाइन से लेकर पंपिंग स्टेशन तक, सब दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के नियंत्रण में है।
डीजेबी के उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने समाचार पत्रों में घटना के बारे में पढ़ने के तुरंत बाद इसका संज्ञान लिया और अपने कार्यालय से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने उपराज्यपाल कार्यालय के उचित कदम उठाने और उनके जिम्मेदारी स्वीकार करने का इंतजार किया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की टालमटोल के बीच उन्होंने जो चुप्पी बनाए रखी है, वह शर्मनाक है।’’ ‘आप’ नेता ने आरोप लगाया कि इस मामले में उपराज्यपाल कार्यालय ने उच्च न्यायालय को गुमराह करने की ‘भरपूर कोशिश’ की। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के वकील ने अदालत में यह नहीं बताया कि डीडीए की गलती है? इसके बजाय अदालत ने दिल्ली सरकार, एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किया।’’
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के वकील ‘निश्चित रूप से’ अदालत को ‘एक संपूर्ण रिपोर्ट’ सौंपेंगे, लेकिन उपराज्यपाल को यह समझना चाहिए कि सत्ता हमेशा जवाबदेही के साथ आती है, ‘उपराज्यपाल जवाबदेही से इस तरह भाग नहीं सकते।’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘उपराज्यपाल ने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात क्यों नहीं की? क्या उन्होंने खेद जताया या शोक व्यक्त किया? उपराज्यपाल ने ऐसी घटना को दोबारा नहीं होने देने के लिए डीडीए में किए गए सुधारात्मक उपायों की रूपरेखा क्यों नहीं बनाई?’’ ‘आप’ नेता ने कहा, ‘‘यह प्रणाली बिना किसी जवाबदेही के एक ‘भ्रष्ट’ मुखिया के साथ काम नहीं कर सकती है।
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