पुरी में कोरोना कर्फ्यू के बीच बिना श्रद्धालुओं के निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

Lord Jagannath Rath Yatra

ओडिशा के पुरी में सोमवार को ढोल, मंजीरे और शंखनाद तथा ‘हरि बोल’ के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा निकली। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया गया और पूरे शहर में कर्फ्यू लागू रहा।

पुरी (ओडिशा)। ओडिशा के पुरी में सोमवार को ढोल, मंजीरे और शंखनाद तथा ‘हरि बोल’ के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा निकली। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया गया और पूरे शहर में कर्फ्यू लागू रहा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ, तीनों के रथ अपने तय समय से बहुत पहले मुख्य मंदिर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री गुंदिचा मंदिर पहुंचे। उन्होंने रथयात्रा पर्व सुगमता से सपन्न होने पर सभी को धन्यवाद दिया।

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भगवान जगन्नाथ के भक्त पटनायक स्वयं भी पुरी नहीं गए और अपने आवास पर टीवी पर ही रथयात्रा के दर्शन किए। बारहवीं शताब्दी के मंदिर के इतिहास में लगातार दूसरे साल और दूसरी बार ऐसा हुआ है जब रथयात्रा में आमजन शामिल नहीं हो सके। मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक ‘ग्रैंड रोड’ सूनी पड़ी थी और केवल कुछ चुनिंदा पुजारियों तथा पुलिसकर्मियों को ही यात्रा में उपस्थित रहने की अनुमति थी। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को उत्सव में भाग लेने की अनुमति थी जिनकी कोविड-19 जांच ‘निगेटिव’ थी। उन्होंने कहा कि सड़कों या घर की छतों पर एकत्र होने की मनाही थी। वर्मा ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के हित को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है।

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रथयात्रा पर्व के रविवार रात से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए थे तथा भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान सुदर्शन को चरणबद्ध तरीके से ‘पहंडी’ प्रक्रिया के तहत उनके रथों तक ले जाया गया। उनकी प्रतिमाओं को रथों में स्थापित करने के बाद पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने सोने के झाड़ू से रथों को बुहारने की परंपरा का निर्वाह किया। इसके बाद गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देव प्रतिमाओं का दर्शन किया और फिर रथों को खींचा गया। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने बताया कि पहले निर्णय लिया गया था कि रथों को अपराह्न तीन बजे से खींचना शुरू किया जाएगा लेकिन असल में यह प्रक्रिया तय समय से पहले शुरू हुई। विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी लगाए गए थे। राज्य सरकार ने देशभर के श्रद्धालुओं के लिए रथयात्रा के आयोजन का मुफ्त सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा अन्य नेताओं ने लोगों को उत्सव की शुभकामनायें दीं।

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