दीपावली घर पर मनाने की इ़च्छा रखने वालों के अरमानों पर पानी फेर रही है ट्रेनों की लम्बी वेटिंग
छुट्टी मिल जाती है फिर दूसरी समस्या होती है कैसे गंतव्य पर पहुंचा जाए। अपना वाहन है तो कोई बात नहीं लेकिन टेªन या प्लेन से जाना हो तो रिजर्वेशन की समस्या आड़े आती है। प्लेन का किराया आसामना छूने लगता है ट्रेन में आरक्षण फुल दिखाई देता है।
लखनऊ। होली-दीवाली दो ऐसे त्योहार हैं जिन्हें परिवार के सभी सदस्य मिल-बैठकर मनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों की बड़ी तादात है जो रोजी-रोटी के चक्कर में दिल्ली मुम्बई आदि महानगरों में रहते जरूर हैं लेकिन यह लोग तीज-त्योहार या किसी विशेष मौके पर अपने घर आने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं, परदेश में रहने वाले ऐसे लाखों लोग जब अपने पैतृक घर की तरफ जाने का प्रोग्राम बनाते हैं तो उनके सामने दो समस्याएं सबसे पहले आती हैं। जो बच्चे कोई प्रोफेशनल कोर्स कर रहे होते हैं उन्हें कालेज से और जो युवा नौकरी कर रहे होते हैं उन्हें आफिस से छुट्टी लेने के लिए सबसे अधिक जूझना पड़ता है। छुट्टी मिल जाती है फिर दूसरी समस्या होती है कैसे गंतव्य पर पहुंचा जाए। अपना वाहन है तो कोई बात नहीं लेकिन ट्रेन या प्लेन से जाना हो तो रिजर्वेशन की समस्या आड़े आती है। प्लेन का किराया आसामना छूने लगता है ट्रेन में आरक्षण फुल दिखाई देता है।
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खासकर मुम्बई या दिल्ली जैसे महानगरों से जो लोग लखनऊ या पटना जैसे शहरों की तरफ कूच करते हैं,उनके लिए टेªन में कन्फर्म टिकट हासिल करना टेड़ी खीर हो जाता है,क्योंकि होली-दीवाली या अन्य किसी खास मौकों पर दलाल पहले से ही टिकट करा कर रख लेते हैं,जिन्हें फिर यह मोटे दाम पर जरूरतमंद यात्रियों को मोटे दाम पर बेच देते हैं। गुरूग्राम की एमएनसी में काम करने वाले कुछ लड़कों-लड़कियों ने बताया कि वह लोग इस दीपावली अपने घर लखनऊ आना चाहते है। लिहाजा 21-22 अक्टूबर को लखनऊ आने के लिए इन लोगों ने कई ट्रेनों में रिजर्वेशन खंगाला। हर ट्रेन में लंबी वेटिंग हो गई है। एसी एक्सप्रेस और लखनऊ मेल की एसी क्लास तो अधिक वेटिंग लिस्ट के कारण रिग्रेट हो गई है। अब इन लोगों केे सामने तत्काल या फिर एक माह पहले खुलने वाले तेजस एक्सप्रेस के रिजर्वेशन का ही सहारा बचा है,लेकिन हकीकत यह भी है कि तत्काल का टिकट किस्मत वालों को ही मिलता है और तेजस का किराया काफी ऊंचा पहुंच जाता है।
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जैसे-जैसे दीपावली का समय नजदीक आ रहा है,मुम्बई,दिल्ली और एनसीआर के आसपास रहने वाले लोगों के लिए लखनऊ आना मुश्किल हो रहा है। कोरोना के बाद पहली बार दीपावली पर दिल्ली से लखनऊ आने वाली ट्रेनों में लंबी वेटिंग हो गई है। गोमती एक्सप्रेस से लखनऊ आना भी आसान नहीं रह गया है। इस ट्रेन की सेकेंड सीटिंग क्लास में 21 अक्टूबर को वेटिंग 52 है तो 22 को 179 और 23 अक्टूबर को यह वेटिंग 194 तक हो गई है। इसी तरह एसी चेयरकार में 21 अक्टूबर को 36 वेटिंग, 22 को 76 और 23 को 48 वेटिंग है। एसी सेकेंड में भी 15 तक वेटिंग चल रही है।आनंद विहार लखनऊ एसी डबल डेकर में अर्से बाद वेटिंग मिल रही है। इस ट्रेन में 21 अक्टूबर को वेटिंग 37 चल रही है। वीआइपी ट्रेन लखनऊ मेल की स्लीपर क्लास में 21 अक्टूबर को 157 और 23 को 141 वेटिंग है। जबकि 22 अक्टूबर को स्थिति रिग्रेट हो गई है। एसी थर्ड इकोनोमी की वेटिंग 101 तक हो गई है, वहीं एसी थर्ड में 21 अक्टूबर को वेटिंग का टिकट भी नहीं मिल रहा है। तेजस का रिजर्वेशन खुलेगा एक माह पहलेः नई दिल्ली से लखनऊ आने वाली तेजस एक्सप्रेस का रिजर्वेशन 30 दिन पहले खुलता है। ऐसे में 20 सितंबर के बाद से तेजस एक्सप्रेस का एडवांस रिजर्वेशन शुरू हो जाएगा। उक्त ट्रेनों के अलावा उन ट्रेनों में भी रिजर्वेशन फुल हो गया है जो लखनऊ से होकर गुजरती हैं। इसमें फरक्का एक्सप्रेस, पद्मावत एक्सप्रेस, काशी विश्वानाथ, श्रमजीवी, महामना जैसी तमाम ट्रेनें शामिल है। इन किसी भी ट्रेन में वेटिंग 60-70 से कम नहीं है।
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