सवर्ण आरक्षण विधेयक 323 मतों से पारित, मोदी ने कहा ऐतिहासिक क्षण
लोकसभा में यह विधेयक पारित होने के बाद किए गए ट्वीट में मोदी ने कहा कि इसने एक ऐसे प्रभावी उपाय को हासिल करने की प्रक्रिया को गति दी है जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौकरियों और शिक्षा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पारित होने पर इसे देश के इतिहास में ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ करार दिया। लोकसभा में यह विधेयक पारित होने के बाद किए गए ट्वीट में मोदी ने कहा कि इसने एक ऐसे प्रभावी उपाय को हासिल करने की प्रक्रिया को गति दी है जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित होगा।
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मोदी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना हमारा प्रयास है कि हर गरीब व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय का हो, गरिमापूर्ण जीवन जिये और उसे हर संभव मौके मिलें।’’ प्रधानमंत्री ने इस विधेयक का समर्थन करने वाली हर पार्टी के सांसदों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’ यह विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
I thank MPs from all the parties who supported The Constitution (One Hundred And Twenty-Fourth Amendment) Bill, 2019 in the Lok Sabha.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 8, 2019
I also appreciate those MP colleagues who enriched today’s debate with their views.
इससे पहले, सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी। अब यह विधेयक बुधवार को राज्यसभा में जायेगा जहां उच्च सदन की बैठक एक दिन और बढ़ा दी गयी है। लोकसभा में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने ‘‘संविधान (124 वां संशोधन), 2019’’ विधेयक का समर्थन किया। साथ ही सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिये लाया गया है।
लोकसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सरकार बनने के बाद ही गरीबों की सरकार होने की बात कही थी और इसे अपने हर कदम से उन्होंने साबित भी किया। उनके जवाब के बाद सदन ने 3 के मुकाबले 323 मतों से विधेयक को पारित कर दिया।
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