Jagannath Mandir में खुल गया रत्न भंडार का ताला, अब होगा सोने चांदी से लेकर जवाहरात का खुलासा

Jagannath Temple
प्रतिरूप फोटो
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रितिका कमठान । Jul 18 2024 11:07AM

मंदिर में भक्तों की एंट्री पर इसलिए पाबंदी लगाई गई थी क्योंकि आंतरिक कक्ष से सोने-चांदी से लेकर बेशकीमती चीजों को अस्थायी स्ट्रांग रुम में स्थानांतरित करना था। गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालता है।

ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार यानी तहखाने को खोल दिया गया है। तहखाने को खोलने की प्रक्रिया से पहले ही मंदिर में भक्तों के दर्शन पर रोक लगाई गई थी। सुबह आठ बजे से पहले ही भक्तों को मंदिर में दर्शन करने से रोका जा रहा था। 

दरअसल मंदिर में भक्तों की एंट्री पर इसलिए पाबंदी लगाई गई थी क्योंकि आंतरिक कक्ष से सोने-चांदी से लेकर बेशकीमती चीजों को अस्थायी स्ट्रांग रुम में स्थानांतरित करना था। गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालता है। मंदिर के आंतरिक कक्ष में संरक्षण का काम एएसआई द्वारा किया जाना है। ऐसे में जरुरी है कि कीमती सामानों को स्थानांतरित किया जाए। बता दें कि ये तहखाना इससे पहले 46 वर्ष पहले खोला गया था। तब भी इसे मरम्मत के लिए ही खोला गया था।

नहीं होगा किसी का भी प्रवेश

गौरतलब है कि मंदिर के तहखाने में एक रत्न भंडार स्थित है। इस रत्न भंडार में एक आंतरिक और एक बाहरी कक्ष है। रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष आज खोला जाना है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुताबिक गुरुवार की सुबह 8:00 के बाद किसी का भी प्रवेश मंदिर में नहीं हो सकेगा। इस दौरान सिर्फ अधिकृत व्यक्ति और सेवकों को ही मंदिर में जाने की अनुमति होगी। मंदिर का सिर्फ सिंह द्वारा खोला जाएगा। भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के दर्शन करने के लिए भक्त जा सकते हैं। क्योंकि वर्तमान समय में तीनों ही मंदिर के बाहर अपने रातों पर सवार है।

जानकारी के मुताबिक पुरी जगरनाथ मंदिर का प्रशासन राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन आता है। मध्य प्रशासन की माने तो भगवान को कई वर्षों से भक्त कीमती वस्तुएं दान करते आ रहे हैं। इन कीमती वस्तुओं को हमेशा रत्न भंडार के आंतरिक कक्षा में रख दिया जाता है। बाद में इन्हें मंदिर परिसर के अंदर ही अस्थाई स्ट्रांग रूम में ट्रांसफर किया जाता है। 

 

की जाएगी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी 

मंदिर प्रशासन की माने तो एएसआई को खजाने के अंदर के कक्ष से सभी वस्तुओं को हटाना होगा। सभी वस्तुएं हटाने के बाद यानी कक्षा पूरी तरीके से खाली होने के बाद ही संरक्षण का कार्य शुरू किया जा सकेगा। रत्न भंडार की मरम्मत का काम पूरा होने के बाद ही सूची भी बनाई जाएगी। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। 

एसओपी का होगा पालन 

इस तहखाना का ताला खोलने की पूरी प्रक्रिया मानक संचालन प्रक्रिया के तहत होगी। इस राज्य सरकार द्वारा तय किया गया है।

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