शराब ठेका: उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस, दो सप्ताह में मांगा जवाब
याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति ए के मित्तल तथा न्यायामूर्ति वी के शुक्ला की युगलपीठ ने आज प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की है।
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युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई में अंतरिम राहत पर विचार किया जाएगा। यह याचिका मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों के 30 शराब ठेकेदारों ने दायर की है। याचिकाकर्ता के वकीलों किशोर श्रीवास्तव एवं राहुल दिवाकर ने बताया कि शराब ठेकेदारों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा जब वर्ष 2020-2021 के लिए निविदा (टेंडर) आमंत्रित कर शराब ठेके दिए गए थे, तब परिस्थितियां अलग थीं। याचिकाकर्ता ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे। निविदा के अनुसार ठेके की अवधि एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा, शराब दुकान का संचालन 14 घंटे तक कर सकते थे। निविदा आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा कर दी थी। उन्होंने कहा कि याचिका में कहा गया है कि निविदा प्रारंभ होने के पहले ही कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था।
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इसके बाद लॉकडाउन की अवधि में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों तथा क्षेत्रों में शराब दुकानों का संचालन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इन क्षेत्रों में महज कुछ घंटों दुकान संचालन की अनुमति रहेगी। श्रीवास्तव एवं दिवाकर ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि शराब ठेकेदारों द्वारा कई हजार करोड़ों में ठेका लिया गया है। उन्होंने कहा कि याचिका में मांग की गई है कि जितने दिन दुकान बंद रही है और दुकान संचालन के घंटों में कटौती का आकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए निविदा आमंत्रित की जाएं।
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