लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक 2024 ध्वनि मत से पारित, जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने सरकार को धन्यवाद किया ज्ञापित
मौजूदा समय में सुरक्षा मानकों का पालन न किए जाने से आए दिन दुर्घटना होने की शिकायतें मिलती रही थीं। जिसे ध्यान में रखते हुए उनके निर्माण, गुणवत्ता, सुरक्षा, सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रासंगिक कोड और प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य होगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज दिनांक 10 फरवरी 2024 को लिफ्ट एंड एस्केलेटर विधेयक 2024 ध्वनि मत से पारित हो गया। दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाईराइज इमारतों की संख्या एकाएक बढ़ गई। इन इमारतों में लोगों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगाए गए हैं। लेकिन इसके रखरखाव के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए थे। मौजूदा समय में सुरक्षा मानकों का पालन न किए जाने से आए दिन दुर्घटना होने की शिकायतें मिलती रही थीं। जिसे ध्यान में रखते हुए उनके निर्माण, गुणवत्ता, सुरक्षा, सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रासंगिक कोड और प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य होगा।
लिफ्ट और एस्केलेटर स्थापित करने वाले स्वामी को दिन-प्रतिदिन के संचालन के दौरान आने वाली किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत दूर किए जाने का भी कानून में उल्लेख दिया गया है। साथ ही आपातकालीन स्थिति में लिफ्ट के भीतर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए स्वामी को वर्ष में कम से कम दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास किए जाने का भी हवाला दिया गया है। इस अधिनियम में स्वामी को बिजली आपूर्ति में किसी भी खराबी की स्थिति में अंदर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए लिफ्ट या एस्केलेटर में एक स्वचालित बचाव युक्ति की स्थापना करनी अनिवार्य है। दुर्घटना होने पर स्वामी द्वारा वित्तीय क्षतिपूर्ति भी पीड़ित परिवार को प्रदान की जाएगी।
लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना एवं संचालन के संबंध में शिकायत मिलने पर स्वामी अथवा संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। अब इस कानून में इमारत के मालिक को लाइट जाने के बाद लिफ्ट में फंसे लोगों के बचाव के लिए ऑटेमेटिक रेस्क्यू सिस्टम लगाना होगा। इससे बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में लिफ्ट नजदीकी तल पर पहुंचे जाएगी। उसके दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे। वहीं इसके अलावा लिफ्ट में पर्याप्त रोशनी और अंदर फंसे लोगों से बाहर के लोगों की बातचीत की प्रणाली लगानी होगी। वहीं लिफ्ट में आपातकालीन घंटी होना अनिवार्य होगा।
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार, योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जनता के हकों के लिए दृढ़ संकल्पित है।" जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि "उत्तर प्रदेश के साथ साथ एनसीआर क्षेत्र में शहरीकरण का दौर बढ़ने से लिफ्ट और एस्केलेटर कानून, प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस सराहनीय कदम के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी और ऊर्जा मंत्री श्री एके शर्मा जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।" लिफ्ट और एस्केलेटर कानून की कुछ विशेषताएं, इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न की जा रही है।
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