कश्मीर में जनजीवन प्रभावित, सुबह कुछ दुकानें खुलीं
उत्तर कश्मीर के हंडवाड़ा और कुपवाड़ा इलाकों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में मोबाइल सेवा बंद है। चार अगस्त की रात से ही घाटी में इंटरनेट सुविधाएं निलंबित हैं। अनुच्छेद 370 को हटाने और घाटी को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद से ही कश्मीर में स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित है।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद आज 61वें दिन भी कश्मीर में जनजीवन प्रभावित रहा। मुख्य बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद दिखा। शहर के कुछ इलाकों में कुछ दुकानें सुबह 7:30 बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक खुलीं।अधिकारियों के अनुसार घाटी में किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है लेकिन संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबल तैनात हैं। उन्होंने बताया कि कुछ ऑटो-रिक्शा और अंतर जिला कैब सड़कों पर दिखीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधन सड़कों से नदारद रहे। गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को निजी गाड़ियों की आवाजाही कम दिखी। गुरुवार को तो शहर में कई जगहोँ पर यातायात जाम हो गया था।
उत्तर कश्मीर के हंडवाड़ा और कुपवाड़ा इलाकों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में मोबाइल सेवा बंद है। चार अगस्त की रात से ही घाटी में इंटरनेट सुविधाएं निलंबित हैं। अनुच्छेद 370 को हटाने और घाटी को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद से ही कश्मीर में स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार स्कूलों के सुचारू संचालन के लिए पूरे प्रयास कर रही है, लेकिन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावक उन्हें स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं।कश्मीर के मंडलायुक्त बशीर खान ने सोमवार को सभी उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सुनिश्चित करें कि घाटी के 12वीं तक के सभी सरकारी स्कूल और निजी संस्थान गुरुवार तक और कॉलेज नौ अक्टूबर तक या इससे पहले खुल जाएं।
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