भारत-पाक युद्ध में कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल सी एन सोमन्ना का निधन
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सी एन सोमन्ना का शनिवार को कर्नाटक के कुर्ग में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। लेफ्टिनेंट जनरल सी एन सोमन्ना उम्र से संबंधित बीमारियों से काभी समय से परेशान थे उन्होंने अपने आवास विराजपथ पर अंतिम सांस ली।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सी एन सोमन्ना का शनिवार को कर्नाटक के कुर्ग में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। लेफ्टिनेंट जनरल सी एन सोमन्ना उम्र से संबंधित बीमारियों से काभी समय से परेशान थे उन्होंने अपने आवास विराजपथ पर अंतिम सांस ली। लेफ्टिनेंट जनरल सीएन सोमन्ना ने 1984-85 के दौरान सेना के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था, जब देश ने अमृतसर, पंजाब में स्वर्ण मंदिर में आतंकवादियों को शरण देने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का हिस्सा बनें थे।रक्षा मंत्रालय पीआरओ, बेंगलूरु ने ट्वीट कर बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल सोमन्ना ने शनिवार शाम 4.10 बजे आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार रविवार दोपहर एक बजे कुर्ग में किया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल सोमन्ना का अंतिम संस्कार रविवार को कुर्ग में ही किया गया।
Sad to inform that Lt Gen C N Somanna expired yest at 4.10 pm, His funeral is
Sad to inform that Lt Gen C N Somanna expired yest at 4.10 pm, His funeral is today at 1pm at Coorg.
Lt Gen Somanna was Adjutant in Gurkhas in same Battalion as Gen Bipin Rawat.
He was hand picked by Field Marshal K M Cariappa, when he converted 3 Infantry @CMofKarnataka pic.twitter.com/NcCdYgYJA2
सोमन्ना, जो जिले के सबसे पुराने जीवित दिग्गजों में से एक थे, अपनी वीरता के लिए जाने जाते थे। जब सेना ने अगस्त 2016 में जिले में मेगा दिग्गजों की रैली का आयोजन किया था, तो इस रैली में सोमन्ना भी शामिल होने वाले थे लेकिन खराब सेहत के कारण वह शामिल न हो सके। इस रैली में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने भी भाग लिया था। जब सिंह को पता चला कि सोमन्ना अपने बीमार स्वास्थ्य के कारण इसे बनाने में सक्षम नहीं है, तो सिंह ने सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत (सेना के वर्तमान प्रमुख) के साथ, सोमन्न के लिए 40 किमी का रास्ता छोड़ दिया था।
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आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल सोमन्ना ने फील्ड मार्शल के एम करियप्पा के साथ इंफेंट्री की तीन बटालियन को ब्रिगेड ऑफ गार्ड में तब्दील किया था। वह दो गॉर्ड्स (एक पंजाब) में एडजुटेंट भी बने। सेना में कैप्टन रहते हुए वह इंडियन मिलिट्री अकादमी के प्रशिक्षक भी बने। उन्होंने उदयपुर में चार गॉर्ड्स की कमान संभाली। सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल सोमन्ना ने ब्रिगेडियर रहते हुए डीडीएमओ की जिम्मेदारी संभाली। वह लेह में तीन दिन कमांडर थे, जहां उन्होंने आइस हॉकी की शुरुआत की।
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