LG Manoj Sinha का बड़ा ऐलान- दो साल के अंदर जम्मू-कश्मीर से पूरी तरह खत्म हो जायेगा आतंकवाद
हम आपको बता दें कि हैदरपोरा मुठभेड़ पर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं। मुठभेड़ में मारे गए दो आम नागरिकों के परिवार के सदस्यों को मध्यरात्रि के करीब पुलिस ने धरना स्थल से बलपूर्वक हटा दिया और उनमें से कुछ को हिरासत में भी ले लिया।
श्रीनगर में हैदरपोरा मुठभेड़ मामले को लेकर हो रहे हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये। इसी के साथ ही उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि दो साल के अंदर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद देखने को भी नहीं मिलेगा। उपराज्यपाल ने साथ ही कहा कि स्थिति में पहले की अपेक्षा बहुत सुधार आया है लेकिन अब भी कुछ लोग हैं जो माहौल खराब करने का प्रयास करते रहते हैं।
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क्या है हैदरपोरा मुठभेड़ मामला?
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हैदरपोरा मुठभेड़ मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए, जिसमें पुलिस ने दो आतंकवादियों और उनके दो साथियों के मारे जाने का दावा किया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘हैदरपोरा मुठभेड़ मामले में एडीएम पद के अधिकारी द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। जैसे ही समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपी जाएगी तो सरकार उचित कार्रवाई करेगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की जान की रक्षा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और वह सुनिश्चित करेगा कि कोई अन्याय न हो।’’ उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से तीन के परिवार के सदस्यों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। मोहम्मद अल्ताफ भट (मकान मालिक), मुदासिर गुल (किरायेदार) और आमिर मागरे (गुल के साथ काम करने वाला लड़का) के परिवार के सदस्य अपने परिजन के ‘‘मारे जाने’’ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि मृतकों के शव अंतिम संस्कार के लिए उन्हें सौंपे जाएं। उल्लेखनीय हे कि मुठभेड़ में मारे गए सभी चार लोगों के शवों को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में दफनाया गया है।
विरोध प्रदर्शन तेज
हम आपको बता दें कि हैदरपोरा मुठभेड़ पर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं। मुठभेड़ में मारे गए दो आम नागरिकों के परिवार के सदस्यों को मध्यरात्रि के करीब पुलिस ने धरना स्थल से बलपूर्वक हटा दिया और उनमें से कुछ को हिरासत में भी ले लिया। वे प्रेस एन्क्लेव में धरने पर बैठे थे। प्रदर्शनरत परिवार बुधवार की सुबह से धरने पर बैठे थे और उन्होंने दिन भर प्रदर्शन करने के बाद रात में मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया था। वे अपने परिजन के शव उन्हें लौटाए जाने की मांग को लेकर कड़कड़ाती ठंड के बीच प्रेस एन्क्लेव में धरने पर बैठे थे। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मध्यरात्रि के आसपास धरनास्थल से प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटा दिया। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।
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सेना ने दी चेतावनी
दूसरी ओर, भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने 16 नवंबर को हैदरपोरा एनकाउंटर पर टिप्पणी करते हुए सफेदपोश आतंकवादियों पर युवाओं को अपने फायदे के लिए गुमराह करने का आरोप लगाया है ले.ज. पांडे ने कहा कि जनता को सफेदपोश दहशतगर्दों से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यह लोग युवाओं को आतंकवाद की राह पर ढकेल रहे हैं।
सेना के मानवीय अभियान
अब बात करते हैं कश्मीर में भारतीय सेना के सहयोग से चल रहे सेवार्थ और परमार्थ कार्यों की। सेना की ओर से श्रीनगर में कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर का आयोजन किया गया। हम आपको बता दें कि इस तरह के आयोजन निरंतर किये जाते हैं। श्रीनगर में जयपुर स्थित गैर सरकारी संगठन भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से सेना ने कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर का आयोजन किया जिससे बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को लाभ हुआ। प्रभासाक्षी संवाददाता ने इस आयोजन का जायजा लिया और आयोजकों तथा प्रतिभागियों से बातचीत की।
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