किसान आंदोलन अब किसानों का नहीं रहा, इसमें वामपंथी और माओवादी घुस गये हैं: पीयूष गोयल
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाये गये कृषि सुधारों को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है। हालांकि गोयल ने यह नहीं बताया कि क्या सरकार की प्रदर्शन स्थलों पर देखे गये प्रतिबंधित संगठन के किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की योजना है या नहीं।
रेल, वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य और आपूर्ति मामलों के केंद्रीय मंत्री, गोयल ने फिक्की की वार्षिक बैठक में कहा, ‘‘अब हमें लगता है कि तथाकथित किसान आंदोलन बमुश्किल ही किसानों का आंदोलन रह गया है। इसमें वामपंथी और माओवादी तत्वों की घुसपैठ हो गयी है। जिसका नजारा हमने पिछले दो दिन में देखा जब राष्ट्रविरोधी कृत्यों के लिए जेलों में डाले गये लोगों की रिहाई की मांग उठी।’’ उन्होंने कहा कि किसानों के मंच से तथाकथित विद्वानों और कवियों को रिहा करने की मांगें साफ दर्शाती हैं कि कृषि सुधारों को पटरी से उतारने के प्रयास संभवत: कुछ ऐसे तत्वों के हाथ में हैं जो भारत के लिए अच्छे नहीं हैं। गोयल ने कहा, ‘‘मैं फिक्की से जुड़े सभी नेक कारोबारियों और सभी विद्वानों, जो इस वेबकास्ट से जुड़े हैं, से आग्रह करुंगा कि इन कृषि कानूनों के लाभों के बारे में बात करें। अगर आपको कोई आशंका है तो हमसे बात कीजिए।’’Demands are being raised from a farmers' platform to release people who have been jailed for anti-national activities.
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) December 12, 2020
It shows that effort to derail farm law improvements is probably in hands of people who are not good for India: Minister @PiyushGoyalhttps://t.co/g4kxPjAVTf
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मंत्री ने आश्वासन दिया कि ये कानून देशभर के करीब 10 करोड़ किसानों के फायदे के लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है जिसने न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी के तहत खरीद को लगभग दोगुना कर दिया है जबकि एमएसपी पर गलत तरह से खतरा होने की बात दर्शाने की कोशिश की जा रही है। मंत्री ने कहा, ‘‘इस सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी उपज की लागत से 50 प्रतिशत अधिक मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार ने कृषि बजट को करीब छह गुना बढ़ाया है।’’ गोयल ने उद्योग क्षेत्र के लोगों से अपने प्रभाव क्षेत्र में आने वाले किसानों को इस बारे में समझाने की अपील की। गोयल की टिप्पणी पर फिक्की के पूर्व अध्यक्ष और भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने कहा, ‘‘साफ है, आप देख सकते हैं कि जब आप कृषि विधेयक जैसे कड़े सुधार लाते हैं तो कृपया पीछे नहीं हटें। उद्योग जगत आपके साथ होगा।
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