BBC Documentary Row: कोर्ट का कीमती समय कर रहे हैं बर्बाद, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बैन को SC में चुनौती पर भड़के कानून मंत्री
ट्विटर पर रिजिजू ने लिखा, "यह (याचिकाएं) इस तरह से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कीमती समय को बर्बाद करती हैं जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए इंतजार कर रहे हैं और तारीख मांग रहे हैं।
विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र के प्रतिबंध को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इन दलीलों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं "न्यायपालिका के समय की बर्बादी" हैं, जबकि हजारों आम नागरिक न्याय और त्वरित सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र ने 21 जनवरी को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें कहा गया था कि सीरिज एकतरफा रिपोर्टिंग के अलावा और कुछ नहीं थी। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह श्रृंखला गुजरात नेतृत्व की आलोचनात्मक थी।
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ट्विटर पर रिजिजू ने लिखा, "यह (याचिकाएं) इस तरह से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कीमती समय को बर्बाद करती हैं जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए इंतजार कर रहे हैं और तारीख मांग रहे हैं। बता दें कि प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने वकील एम एल शर्मा और एन राम तथा भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सी यू सिंह की दलीलों पर गौर किया। दोनों वकीलों ने इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरेपोरेशन (बीबीसी) के विवादास्पद वृत्तचित्र ‘‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’’ के लिंक साझा करने वाले कई यू ट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।
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