लालू यादव ने की जाति आधारित जनगणना की मांग, कहा- आंकड़ों से बहुसंख्यक का भला होता नहीं, हम क्या अचार डालेंगे
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना का संबंध राजनीतिक नहीं बल्कि बल्कि सामाजिक है।
जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर बिहार की राजनीति तेज है। जदयू और राजद लगातार केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। इन सब के बीच राजद सुप्रीमों लालू यादव ने एक बार फिर से जाति आधारित जनगणना की मांग कर दी है। लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते है। लालू ने तंज कसते हुए कहा, "जनगणना के जिन आँकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आँकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?"
आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना का संबंध राजनीतिक नहीं बल्कि बल्कि सामाजिक है। यहां मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में सोमवार को आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद जातीय जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के संबंध में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कुमार ने कहा,‘‘ उनका पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को चार अगस्त को प्राप्त हो चुका है। अभी तक इसका जवाब नहीं आया है।अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 11, 2021
जनगणना के जिन आँकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आँकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?
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