आतंकियों को धन मुहैया कराने और जाली मुद्रा के प्रसार में आई कमी: राजनाथ
उन्होंने कहा कि एनआईए और अन्य एजेंसियों के प्रयासों की वजह से जाली भारतीय नोटों के प्रसार में भी कमी आई है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने एनआईए को आईएसआईएस पर एक शोध प्रकोष्ठ गठित करने की मंजूरी दे दी है।’’
हैदराबाद। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रयासों की वजह से पहले की तुलना में आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने और जाली भारतीय नोटों के प्रसार में कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) पर शोध प्रकोष्ठ शुरू करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्री ने यह भी कहा कि प्रभावी जांच और निगरानी के लिये 100 नए पद सृजित किये गए हैं।
Heading to Hyderabad in Telangana. Look forward to attend the inaugural function of @NIA_India office and the residential complex.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 1, 2019
सिंह ने यहां कहा, ‘‘आतंकवाद के लिये धन मुहैया कराना आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिये बड़ा कारक है।जिस तरह से एनआईए ने अपनी भूमिका निभाई है, उसका नतीजा है कि पहले की तुलना में आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने में गिरावट आई है।’’ उन्होंने कहा कि एनआईए और अन्य एजेंसियों के प्रयासों की वजह से जाली भारतीय नोटों के प्रसार में भी कमी आई है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने एनआईए को आईएसआईएस पर एक शोध प्रकोष्ठ गठित करने की मंजूरी दे दी है।’’
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गृह मंत्री यहां और गुवाहाटी में एनआईए के दो नये कार्यालय सह आवासीय परिसरों का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। इनका निर्माण एनबीसीसी इंडिया ने तकरीबन 77 करोड़ रुपये की लागत से किया है। हैदराबाद स्थित एनआईए परिसर 12 हजार 572 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका निर्माण तकरीबन 37 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसमें प्रशासनिक और उसके कर्मचारियों के लिये आवासीय फ्लैट भी हैं। गुवाहाटी परियोजना की लागत तकरीबन 40 करोड़ रुपये है और इसका निर्माण 9830 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है।
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