तालिबान का तय समाधान, दिल्ली के पास है मास्टरप्लान, जानें डोभाल की अगुवाई वाले आठ देशों के NSA की मीटिंग में किसने क्या कहा
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि ये हमारे बीच घनिष्ठ परामर्श, क्षेत्रीय देशों के बीच अधिक सहयोग और बातचीत का समय है। मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श उत्पादक, उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे।
एनएसए की अहम बैठक आज हुई जिसमें आठ मुल्कों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मौजूद हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत को लेकर अफगानिस्तान के आम लोगों को लेकर एक-एक करके एनएसए ने अपने मुल्क का पक्ष रखा। दिल्ली में चल रही मीटिंग की अगुवाई करते हुए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि आज इस संवाद की मेजबानी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर गहरी नजर रख रहे हैं। न केवल अफगानिस्तान के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि ये हमारे बीच घनिष्ठ परामर्श, क्षेत्रीय देशों के बीच अधिक सहयोग और बातचीत का समय है। मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श उत्पादक, उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे।
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बैठक में रूस और ईरान के साथ पांच मध्य एशियाई देशों के एनएसए के समकक्ष भाग ले रहे हैं। रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने कहा कि बहुपक्षीय बैठकें अफगानिस्तान में विकास की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने में मदद करती है। चुनौतियों का मुकाबला करें, देश से उत्पन्न होने वाले खतरे और देश में लंबे समय तक चलने वाली शांति स्थापित करें। तुर्कमेनिस्तान की तरफ से कहा गया कि यह बैठक हमें अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति का समाधान निकालने और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने का अवसर देती है। वहीं उज्बेकिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव विक्टर मखमुदोव ने कहा कि अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में पूरी तरह से शांति बहाल करने के लिए हमें एक सामूहिक समाधान खोजना होगा। यह संयुक्त प्रयासों से ही संभव है। किर्गिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव मरात एम इमांकुलोव ने कहा कि हमारे क्षेत्र में और पूरी दुनिया में यह बहुत कठिन स्थिति है; यह अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों के संबंध में है। संयुक्त प्रयासों से... अफगान लोगों को मदद दी जानी चाहिए।
बैठक से चीन और पाकिस्तान ने बनाई दूरी
हिन्दुस्तान सद्भाव, सहृदयता, सदाशयता वाला देश है। हिन्दुस्तान ने एक ब्लूप्रिंट बनाकर एक भरोसे का माहौल बने इसकी कोशिश की लेकिन चीन और पाकिस्तान दोनों ने ही इससे दूरी बना ली है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद युसूफ ने कहा कि वह अफगानिस्तान पर 10 नवंबर को होने वाले सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा नहीं करेंगे।
National Security Adviser Ajit Doval chairs the regional security dialogue on Afghanistan in New Delhi
— ANI (@ANI) November 10, 2021
The meeting is being attended by NSA's counterparts from five Central Asian countries, along with Russia and Iran. pic.twitter.com/I0eA6Gr3yW
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