कृषि कानूनों की वापसी के बाद लखनऊ में किसान महापंचायत, SKM ने MSP पर कानून समेत PM से की 6 मांगें

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किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने आज की सभा शुरू में इसलिए रखी थी क्योंकि लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग करेंगे, तीनों कानून खारिज करने की मांग करेंगे। किसानों को एकजुट करके किसानों की ताकत दिखाएंगे।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को किसानों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए किसान महापंचायत का आयोजन किया। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने साफ कर दिया कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता मौजूद रहे। 

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एमएसपी पर कानून की गारंटी ?

इस बीच एक किसान नेता ने साफ किया कि आंदोलन अभी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जब तक इस देश के एक-एक किसान को उनके एक-एक फल और एक-एक सब्जी का एमएसपी नहीं मिलेगा तक तक यह लड़ाई जारी रहेगा। इसी बीच मौजूदा सरकार और दूसरी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अबकी बार आपकी कुर्सी इसी तरह से उखाड़ फेकेंगे जैसे मोदी सरकार का अहंकार तोड़ा है।

वहीं, किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने आज की सभा शुरू में इसलिए रखी थी क्योंकि लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग करेंगे, तीनों कानून खारिज करने की मांग करेंगे। किसानों को एकजुट करके किसानों की ताकत दिखाएंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि आपकी पंचायत की घोषणा से ही एक तिहाई काम ऐसे ही हो गया। यह सभा जीत का जश्न मनाने की और आगे की जंग का जज्बा दिखाने के लिए है।

उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से जितनी भी सभाओं में गया हूं उसमें एक बात बार-बार कही है कि यह तीनों कानून तो मर गए हैं। इस पर मेरे साथी पूछते थे कानून मर गए तो हम आंदोलन क्यों कर रहे हैं ? इस पर मैं कहता था कि कानून तो मर गया है लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है उसे लेकर जाएंगे। प्रधानमंत्री जी ने कुछ दिनों पहले मृत्यु प्रमाण पत्र देने का ऐलान कर दिया है।

इसी बीच केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि बंगाल चुनावों का छोटा असर दिखाई दे रहा था। ऐसे में उत्तर प्रदेश का इंजेक्शन लगाने की जरूरत समझ में आ रही थी लेकिन उससे पहले ही बीमारी थोड़ी-थो़डी दूर हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी तपस्या का नाम आप मत लो क्योंकि तपस्या उन किसानों ने की है जो दिन-रात, सर्दी-गर्मी और बारिश के बीच खड़े रहे। उन 700 किसानों ने की थी जो आज हमारे बीच में नहीं हैं। लखीमपुर के शहीद किसान परिवारों ने की है। इन लोगों ने तपस्या की है, प्रधानमंत्री जी आप के मुंह से यह शोभा नहीं देता है। वहीं उन्होंंने 'लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं' का उद्घोष लगाया। 

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PM मोदी को लिखा था पत्र 

इससे पहले एसकेएम ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर एमएसपी पर गारंटी कानून समेत कई मांग की।  एसकेएम ने तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले पर आभार जताते हुए कहा था कि 11 दौर की वार्ता के बाद, आपने द्विपक्षीय समाधान के बजाए एकतरफा घोषणा करने का रास्ता अपनाया। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मोर्चा ने छह मांगें रखीं, जिनमें उत्पादन की व्यापक लागत के आधार पर एमएसपी को सभी कृषि उपज के लिए किसानों का कानूनी अधिकार बनाने, लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनकी गिरफ्तारी के अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए स्मारक का निर्माण शामिल है।

यहां देखें पूरा संबोधन:-

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