केरल के राज्यपाल कार्यालय ने कहा,उसने किसी चैनल को प्रेस वार्ता में हिस्सा लेने से नहीं रोका
राज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘राजभवन ने किसी मीडिया चैनल को संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से नहीं ‘रोका’ है, जैसा कि कुछ खबरों में आरोप लगाया गया है। कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा किए गए साक्षात्कार के अनुरोध पर 24 अक्टूबर को उन्हें समय की कमी के चलते एक ही समय पर बुलाया गया था।
केरल के राज्यपाल कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि उसने किसी चैनल को संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोका नहीं। उल्लेखनीय है कि सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये चार टेलीविजन चैनल को कथित तौर पर राजभवन में जाने से रोका गया था। इसके बाद राजनीतिक दलों और केरल श्रमजीवी पत्रकार संघ (केयूडब्ल्यूजे) ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि यह प्रेस की आजादी का उल्लंघन है।
राज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा साक्षात्कार दिये जाने का अनुरोध करने पर बातचीत की गई थी। राज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘राजभवन ने किसी मीडिया चैनल को संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से नहीं ‘रोका’ है, जैसा कि कुछ खबरों में आरोप लगाया गया है। कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा किए गए साक्षात्कार के अनुरोध पर 24 अक्टूबर को उन्हें समय की कमी के चलते एक ही समय पर बुलाया गया था। यह संवाद था, जिसे कुछ लोगों ने ‘‘संवाददाता सम्मेलन’’ समझने की गलती की।’’
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के संवाददाता सम्मेलन के तुरंत बाद कुछ पत्रकारों उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के पास पहुंचे, लेकिन उन्होंने यह कहकर टिप्पणी करने से इनकार दिया कि वह पत्रकार बनकर आए पार्टी कैडर को जवाब नहीं देंगे। इसके बाद प्रेस से संवाद को कुछ चैनलों द्वारा प्रसारित किया गया, लेकिन कैराली, रिपोर्टर, मीडिया वन और जयहिंद सहित कुछ चैनल को इस संवाद को कथित तौर पर कवर करने की अनुमति नहीं दी गई। मीडिया घरानों ने दावा किया कि उन्होंने ई-मेल के जरिये अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया। कांग्रेस ने कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल के लिए मीडिया के एक धड़े को अनुमति नहीं देना उचित नहीं है।
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