बाजार में चीनी लहसुन की अधिकता से कर्नाटक के किसान चिंतित

Chinese garlic
प्रतिरूप फोटो
ANI

इशाक ने कहा कि चीनी लहसुन की आमद के कारण भारतीय लहसुन के दाम घटकर 175 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ जाएंगे। भारतीय लहसुन अभी 200-225 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा है।

दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों के दूसरी श्रेणी के शहरों और छोटे कस्बों में चीन से आयातित लहसुन की अधिकता है, जिससे क्षेत्र के किसान चिंतित हैं। मंगलवार को व्यापारियों और उत्पादकों ने शिवमोगा के बाजारों में चीनी लहसुन की भरमार पर निराशा जताई थी।

व्यापारियों की शिकायतों के बाद, उडुपी नगर आयुक्त बी रायप्पा ने एक थोक व्यापारी के परिसर पर छापा मारा और आदि उडुपी में कृषि उपज और पशुधन बाजार समिति (एपीएमसी) यार्ड से पांच क्विंटल चीनी लहसुन जब्त किया।

उन्होंने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि चीनी लहसुन की वैधता सुनिश्चित करने के बाद ही वह इसे बाजार में उतारेंगे। व्यापारियों ने कहा कि भारतीय लहसुन की कीमत 250 रुपये प्रति किलो है, जबकि चीनी लहसुन 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राहक चीनी लहसुन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह बड़ा होता है और इसे छीलना और कुचलना आसान होता है।

मंगलुरु में एपीएमसी अधिकारियों के अनुसार, चीनी लहसुन थोक विक्रेताओं के पास मौजूद व्यापार लाइसेंस के तहत बाजार में आया है। उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापारियों को चीनी लहसुन का व्यापार करने के लिए विशेष व्यापार लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

पुराने बंदरगाह क्षेत्र के एक थोक व्यापारी मोहम्मद इशाक ने पीटीआई-को बताया कि चीनी लहसुन भारतीय बाजार में समय-समय पर दिखाई देता है। हालांकि, उनके अनुसार, यह बाजार में मूल्य स्तर को संतुलित करता है।

इशाक ने कहा कि चीनी लहसुन की आमद के कारण भारतीय लहसुन के दाम घटकर 175 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ जाएंगे। भारतीय लहसुन अभी 200-225 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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