कमलनाथ के खास दिनेश गुर्जर ने कहा सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने पर उन्हें पार्टी में वापस ला सकता हूँ
बैठक में मुरैना से कोंग्रेस के नेता एवं कमलनाथ के खास दिनेश गुर्जर ने बैठक में कह दिया कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जावे तो वे सिंधिया को कांग्रेस में वापस ला सकते हैं। गुर्जर की यह बात सुनकर बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता हक्के-बक्के रह गए।
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बंगले पर मंगलवार को हुई प्रमुख कांग्रेस के नेताओं की बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रत्याशीयों को लेकर चर्चा में एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का जिक्र हुआ। उन्हें पार्टी में वापस लाने के लिए किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जन ने कांग्रेस नेताओं के सामने प्रस्ताव रखा। बैठक में मुरैना से कोंग्रेस के नेता एवं कमलनाथ के खास दिनेश गुर्जर ने बैठक में कह दिया कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जावे तो वे सिंधिया को कांग्रेस में वापस ला सकते हैं। गुर्जर की यह बात सुनकर बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता हक्के-बक्के रह गए। लेकिन लगे हाथ कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि सिंधिया को कांग्रेस में लेने पर श्रीमती सोनिया ही तैयार नही हैं। उनके यह कहते ही सिंधिया की वापसी के प्रश्न पर तो विराम लग गया लेकिन मुरैना के जिलाध्यक्ष राकेश मावई यह कहते सुने गए कि एक तो हम सिंधिया के साथ भाजपा में नही गए और यदि वे फिर वापस आ गए तो हम जैसे लोग तो बुरी तरह मारे जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले पर हुई इस बैठक में कांग्रेस के विरिष्ठ नेता, विधायक और पूर्व मंत्री शामिल हुए। जिसमें डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, बैजनाथ कुशवाह, प्रवीण पाठक, घनश्याम सिंह, लखन सिंह, के.पी.सिंह, ब्रजेन्द्र राठौर, विजय लक्ष्मी साधो, पी.सी. शर्मा, अशोक सिंह तथा भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर नगर-ग्रामीण व श्योपुर के जिलाध्यक्ष आदि उपस्थित थे। कमलनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई इस बैठक में सभी जिलाध्यक्षों से कहा गया कि वे अपने-अपने जिलों में रिक्त पड़े संगठन के पदों पर विधायकों से समन्वय बिठाकर नियुक्ति करें।
वही भिण्ड जिले की मेहगांव सीट पर कांग्रेस के पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को टिकिट देने पर भी चर्चा हुई। सूत्रों की माने तो जिसका बैठक में खुलकर विरोध हुआ। लगभग पन्द्रह विधायकों और इतने ही जिलाध्यक्ष व प्रमुख नेताओं के बीच हुई चर्चा में बाहर से आने वाले लोगों को कांग्रेस में शामिल न करने व टिकिट न देने की बात हुई। चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की टिकिट देने की बात पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि यदि राकेश सिंह को टिकिट दिया गया तो मुझे कांग्रेस में रहने पर विचार करना पड़ेगा। इस पर कमलनाथ ने जब बाकी लोगो की राय ली तो सभी ने एक मत से अजय सिंह की पक्ष में अपनी बात रखी। कुल मिलाकर आज की बैठक में राकेश को पार्टी में लेने और टिकिट देने पर पार्टी में ही बगावत की स्थिति निर्मित हो गयी। चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने 2013 में मध्य प्रदेश विधानसभा में अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उस समय चौधरी राकेश सिंह विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष थे। उन्होनें नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा भाजपा सरकार द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध कर दिया था।
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