कमलनाथ का U-टर्न, नयी व्यवस्था के तहत MP सचिवालय में गाया जाएगा वंदे मातरम्
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बृहस्पतिवार को कहा गया कि, ‘‘राज्य शासन द्वारा नये स्वरूप में भोपाल में वंदे-मातरम् गायन की व्यवस्था की गई है।
भोपाल। पिछले करीब 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित वल्लभ भवन (राज्य सचिवालय) में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गायन की परंपरा एक जनवरी को टूटने के बाद हुए विवाद के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि राष्ट्रगीत गायन की नयी व्यवस्था लागू होगी। राष्ट्रगीत गायन में अब सरकारी कर्मचारियों के अलावा पुलिस बैंड, आम जनता एवं क्रम से मंत्री भी शामिल होंगे।
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: At 10:45 am on first working day of every month,police band will play the tunes that encourage patriotic feelings during their march from Shaurya Samarak to Vallabh Bhawan in Bhopal.On arrival at the Bhawan, National Anthem&Vande Mataram will be sung pic.twitter.com/B516wGW3l1
— ANI (@ANI) January 3, 2019
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बृहस्पतिवार को कहा गया कि, ‘‘राज्य शासन द्वारा नये स्वरूप में भोपाल में वंदे-मातरम् गायन की व्यवस्था की गई है। नयी व्यवस्था में शौर्य स्मारक से प्रात: 10.45 बजे कार्यक्रम प्रारंभ होगा और पुलिस बैण्ड राष्ट्रीय भावना जाग्रत करने वाले गीतों की धुन बजाते हुए वल्लभ भवन पहुंचेगा। आम जनता भी पुलिस बैण्ड के साथ चल सकेगी।’’
विज्ञप्ति के अनसार, ‘‘पुलिस बैण्ड और आम जनता के वल्लभ भवन पहुंचने पर राष्ट्रीय गान ' जन-गण-मन' और राष्ट्रीय-गीत 'वन्दे-मातरम्' गाया जायेगा।’’
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नये स्वरूप में वंदे मातरम् गायन का यह कार्यक्रम प्रत्येक माह के प्रथम कार्य-दिवस पर ही होगा। कार्यक्रम में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य क्रम से शामिल होंगे। आम जनता की भागीदारी से 'वंदे मातरम्' गायन का यह कार्यक्रम भोपाल के आकर्षण के बिन्दुओं में से एक बन सकेगा। ज्ञात हो कि इसके पूर्व 'वंदे मातरम्' गायन का कार्यक्रम राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम कार्य-दिवस को सिर्फ शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों की सहभागिता से ही किया जाता था। पिछले करीब 13 साल पहले भाजपा शासनकाल में शुरू हुई इस परंपरा के एक जनवरी को टूटने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी आलोचना की थी।
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