BJP में शामिल हो सकते हैं कमलनाथ! मध्यप्रदेश से दिल्ली पहुंचे समर्थक विधायक
कमलनाथ के करीबी सूत्रों ने बताया कि यहां पहुंचे मध्य प्रदेश के विधायकों में तीन छिंदवाड़ा से हैं जबकि क्षेत्र के अन्य तीन विधायक दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं और फिलहाल वहां से वह विधायक हैं। गत नवंबर में हुए मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नुकुल नाथ के कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके (कमलनाथ) समर्थक करीब आधा दर्जन विधायक रविवार को दिल्ली पहुंच गये। कमलनाथ के करीबी सूत्रों ने बताया कि यहां पहुंचे मध्य प्रदेश के विधायकों में तीन छिंदवाड़ा से हैं जबकि क्षेत्र के अन्य तीन विधायक दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं और फिलहाल वहां से वह विधायक हैं। गत नवंबर में हुए मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
कमलनाथ के ये समर्थक विधायक फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि कमलनाथ के समर्थक एवं पूर्व मंत्री लखन घनगोरिया भी दिल्ली में उनके साथ डेरा डाले हुए हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं कमलनाथ के समर्थक दीपक सक्सेना ने छिंदवाड़ा में संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह उन्हें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया गया, उससे वह आहत हैं। सक्सेना ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उन्हें पूरा सम्मान मिलना चाहिए। वह जो भी निर्णय लेंगे, हम उसमें उनके साथ रहेंगे।’’
कमलनाथ के अन्य समर्थक और राज्य के पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा ने अपने ‘एक्स’ प्रोफाइल पर ‘जय श्री राम’ लिखा। पूर्व सांसद वर्मा ने कहा, ‘‘ मैं कमलनाथ का अनुसरण करूंगा।’’ पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि कमलनाथ का धड़ा 23 विधायकों को अपने साथ लाने का प्रयत्न कर रहा है ताकि दल-बदल कानून उनपर लागू न हो। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 66 विधायक हैं।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वकील राकेश पांडे ने कहा, ‘‘ एक तिहाई विधायकों के पाला बदल लेने की स्थिति में दलबदल कानून लागू नहीं होंगे।’’ इसके पहले मार्च, 2020 में कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ज्योतिदिरात्य सिंधिया और उनके कई समर्थक विधायक भाजपा में चले गये थे जिससे कमलनाथ की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गयी थी।
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