कैलाश विजयवर्गीय का दावा, नहीं टिकेगा बेमेल विचारधारा वाले दलों का गठबंधन
विजयवर्गीय ने कहा, राज्य में पांच साल तक काम करने वाली किसी भी सरकार के पास विकास को लेकर एक नजरिया होता है। लेकिन वहां (महाराष्ट्र में) सत्ता के लिये बनते दिख रहे गठबंधन का एजेंडा सीमित प्रतीत होता है जिसके तहत बेमेल विचारधाराओं के दल इकट्ठे हो रहे हैं।
इंदौर (मध्यप्रदेश)। भाजपा महासचिवने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करने के लिये बेमेल विचारधारा वाले दलों का गठबंधन हो रहा है, लेकिन इस गठजोड़ के भविष्य को लेकर जनमानस में कई सवाल तैर रहे हैं। विजयवर्गीय का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना खारिज करते हुए कहा है कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के साथ !!!
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) November 15, 2019
इंदौर में स्टेट प्रेस क्लब द्वारा आयोजित 'भारतीय पत्रकारिता महोत्सव' में वरिष्ठ पत्रकार और चिंतक वैदप्रताप वैदिक के साथ शिरकत करने का अवसर मिला। pic.twitter.com/rLUtA8ilmy
महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर पूछे गये सवाल पर भाजपा महासचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, मुझे लगता है कि वहां जिस प्रकार का बेमेल गठबंधन हो रहा है, उससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि इसकी (संभावित) सरकार चल पायेगी या नहीं? यह सरकार प्रदेश का विकास कर पायेगी या नहीं? उन्होंने कहा, ये सारे प्रश्न जनमानस में हैं। हालांकि, फिलहाल हम इन सवालों को लेकर अपनी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना नहीं चाहते। विजयवर्गीय ने कहा, राज्य में पांच साल तक काम करने वाली किसी भी सरकार के पास विकास को लेकर एक नजरिया होता है। लेकिन वहां (महाराष्ट्र में) सत्ता के लिये बनते दिख रहे गठबंधन का एजेंडा सीमित प्रतीत होता है जिसके तहत बेमेल विचारधाराओं के दल इकट्ठे हो रहे हैं।
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शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की नयी सरकार बनने की स्थिति में महाराष्ट्र में भाजपा की भावी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर पार्टी महासचिव ने कहा, हम तो आशीर्वाद देंगे। हम चाहेंगे कि प्रदेश का विकास हो। हम (संभावित सरकार को) तोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कहा, हमने भी अपनी विपरीत विचारधारा वाली पार्टी (पीडीपी) से जम्मू-कश्मीर में समझौता किया था। लेकिन हमारा लक्ष्य पहले से तय था। हमने इस सूबे से अनुच्छेद 370 हटाकर बता दिया कि यह समझौता क्यों किया गया था। विजयवर्गीय ने इसी संदर्भ में कहा, कभी-कभी दो कदम आगे बढ़ने के लिये एक कदम पीछे हटाना पड़ता है। हमने यह करके दिखाया।
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