न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी नामंजूर की
एसआईटी सूत्रों ने बताया कि विशेष जांच दल ने तीनों युवकों में से दो को 95 घंटे के लिए रिमांड पर लिया था। एसआईटी इन दोनों युवकों को रंगदारी की मांग में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन की बरामदगी वाली जगह पर ले जाना चाहती थी।
शाहजहांपुर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी नामंजूर कर दी है। चिन्मयानंद को विशेष जांच दल ने विधि की एक छात्रा द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद गिरफ्तार किया था। उनके वकील ओम सिंह ने मंगलवार को बताया कि चिन्मयानंद की जमानत याचिका को अदालत ने यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि यह अर्जी सत्र अदालत में लगाई जानी चाहिए। अदालत ने भाजपा नेता से रंगदारी मांगने के मामले में तीन आरोपियों- संजय,सचिन और विक्रम की जमानत याचिका भी नामंजूर कर दी।
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एसआईटी सूत्रों ने बताया कि विशेष जांच दल ने तीनों युवकों में से दो को 95 घंटे के लिए रिमांड पर लिया था। एसआईटी इन दोनों युवकों को रंगदारी की मांग में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन की बरामदगी वाली जगह पर ले जाना चाहती थी।दोनों युवकों ने एसआईटी को बताया कि उन्होंने फोन को राजस्थान में मेहंदीपुर बालाजी के पास फेंक दिया था। इसी फोन से रंगदारी की मांग की गई थी।सूत्रों ने बताया की एसआईटी ने ओम सिंह के मोबाइल फोन की भी पड़ताल की जिस पर रंगदारी की रकम मांगने के लिए मैसेज दिया गया था। चिन्मयानंद को सोमवार को लखनऊ के एसजीपीजीआई में एंजियोग्राफी के लिए भर्ती कराया गया था।
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