विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मौन मार्च में शामिल हुए जेपी नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री भी रहे मौजूद
भाजपा की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी। उस समय कहाँ थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की ज़िम्मेदारी थी?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर मौन मार्च में शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी मौजूद रहे। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जी. किशन रेड्डी और अश्विनी वैष्णव सहित भाजपा के दूसरे नेताओं ने सेंट्रल पार्क से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर मौन पदयात्रा में हिस्सा लिया। इससे पहले भाजपा की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी। उस समय कहाँ थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की ज़िम्मेदारी थी?
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माना जा रहा कि भाजपा ने इस ट्वीट के जरिए कांग्रेस पर तंज कसा है। एक और ट्वीट ने कहा गया कि 14 अगस्त 1947 वो दिन है जब भारत की सदियों पुरानी संस्कृति को चंद लोगों ने काग़ज़ पर लकीरें खींच कर बाँट दिया और इस त्रासदी ने देश की आत्मा को रक्तरंजित कर दिया। पंजाब को फाड़ा, सिंध उजाड़ा, ढाका का भी माहौल बिगाड़ा, कल तक था जो आंगन हमारा, किसने वहां सरहद बनाई?वहीं, जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा था कि आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मैं उन लोगों को गंभीरता से याद करता हूं जिन्होंने विभाजन के दौरान एक असहनीय कीमत चुकाई थी। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे स्वार्थ और व्यक्तिगत हितों की राजनीति ने विभाजन और दर्द को जन्म दिया।
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वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर, मैं विभाजन के दौरानजान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं और हमारे इतिहास के उस दुखद काल के पीड़ितों के धैर्य और सहनशीलता की सराहना करता हूं। अमित शाह ने ट्वीट किया, 1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वो अमानवीय अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन की हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ले ली व असंख्य लोगों को विस्थापित होना पड़ा। आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर बंटवारे का दंश झेलने वाले लाखों लोगों को नमन करता हूं। उन्होंने लिखा, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस देश की युवा पीढ़ी को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना एवं वेदना का स्मरण कराएगा और देशवासियों को देश में सदा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करेगा।
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