जद(यू) ने शराब परोसे जाने के आरोप पर बिहार भाजपा अध्यक्ष को मुकदमे की चेतावनी दी

Umesh Singh Kushwaha
प्रतिरूप फोटो
ANI

जद(यू) ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन द्वारा आयोजित एक भोज में शराब परोसे जाने के आरोप पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन द्वारा आयोजित एक भोज में शराब परोसे जाने के आरोप पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में संपन्न एक बैठक के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया गया था कि ललन द्वारा रविवार को अपने लोकसभा क्षेत्र मुंगेर में एक भोज का आयोजन किया था जिसमें शामिल हुए लोगों को चावल-मटन के साथ शराब भी परोसी गयी थी। उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी है।

उमेश कुशवाहा ने चौधरी के उक्त आरोप को अनर्गल बयान बताते हुए कहा, ‘‘एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आने के बावजूद उनमें शालीनता की कमी है। उन्हें याद रखना चाहिए कि 2019 में मुंगेर में ललन द्वारा आयोजित इसी तरह की दावत में उन्होंने खुद मटन करी का आनंद लिया था।’’ उल्लेखनीय है कि सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी और समता पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। सम्राट चौधरी ने जद(यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में कुछ समय रहने के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 2017 से वह भाजपा में हैं। कुशवाहा ने कहा, ‘‘इस निंदा प्रस्ताव के तहत पार्टी की मुंगेर इकाई के अध्यक्ष को सम्राट चौधरी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है जब तक कि वह सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते या अपने आरोप के समर्थन में कुछ सबूत पेश नहीं करते।’’

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इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘निरर्थक बयान जारी करने के बजाय जद (यू) को अपनी सरकार से मुंगेर में परोसे जाने वाले मांस की गुणवत्ता की जांच करने के लिए कहना अच्छा होगा। हमें पता चला है कि दावत के बाद से आवारा कुत्तों की संख्या में कमी आई है।’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘समय पर जांच होनी चाहिए ताकि मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त मांस के कारण होने वाली बीमारियों के प्रकोप को रोका जा सके। राज्य सरकार चौधरी के आरोप के संबंध में उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश द्वारा जांच कराए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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