जदयू नेता आरसीपी सिंह ने नेहरू पर किया तीखा प्रहार, मोदी की जमकर तारीफ की
जदयू नेताओं का एक वर्ग दावा करता है कि नरेंद्र मोदी सरकार में पार्टी के इकलौते नेता सिंह भारतीय जनता पार्टी के करीब आए हैं जबकि बिहार में सहयोगी होने के बावजूद दोनों दलों के बीच संबंध बहुत ज्यादा अच्छे भी नहीं हैं। राज्यसभा सदस्य के तौर पर उनका कार्यकाल भी खत्म हो रहा है और जद(यू) ने अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
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जदयू नेताओं का एक वर्ग दावा करता है कि नरेंद्र मोदी सरकार में पार्टी के इकलौते नेता सिंह भारतीय जनता पार्टी के करीब आए हैं जबकि बिहार में सहयोगी होने के बावजूद दोनों दलों के बीच संबंध बहुत ज्यादा अच्छे भी नहीं हैं। राज्यसभा सदस्य के तौर पर उनका कार्यकाल भी खत्म हो रहा है और जद(यू) ने अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। वह इस सीट पर जीत दर्ज करने की स्थिति में है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 मई है। किसी भी मंत्री के लिए संसद के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होना आवश्यक होता है। कभी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शामिल सिंह बृहस्पतिवार को पटना में मौजूद नहीं थे जहां कुमार समेत पार्टी के शीर्ष नेता नामांकन दाखिल करने के दौरान राज्यसभा उपचुनाव के उम्मीदवार अनिल हेगड़े के साथ आए थे। जद(यू) नेता ने अपने संबोधन में कहा कि नेहरू को महात्मा गांधी का समर्थन होने के कारण प्रधानमंत्री चुना गया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस ‘युग पुरुष’ का नाम नहीं लेना चाहूंगा...जब यह सवाल आया कि पहली बार किसे प्रधानमंत्री होना चाहिए तो किसके पास संगठन का समर्थन था, किसके पास वोट थे, किसे सीडब्ल्यूसी के अधिक सदस्यों का समर्थन हासिल था? लेकिन वोट न होने के बावजूद एक व्यक्ति देश का पहला प्रधानमंत्री बना।’’ उन्होंने महात्मा गांधी का नाम लिए बिना उनका स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि इस फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती थी क्योंकि वह व्यक्ति हमारे लिए बहुत आदरणीय है लेकिन इतने वर्षों बाद भी कम से कम यह कहा जा सकता है कि यह हमारी पहली गलती थी। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के पास सबकुछ था लेकिन उन्हें यह पद नहीं मिला।
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कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की खबर जानबूझकर कई घंटे बाद बतायी गयी ताकि उनके बेटे राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारियां की जा सकें। वह दशकों के अपने शासन में पटेल तथा डॉ. बी आर आम्बेडकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न न दिए जाने को लेकर कांग्रेस पर बरसे और उन्होंने नेहरू की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें तभी यह सम्मान दे दिया गया ,जब वह प्रधानमंत्री थे। जद(यू) नेता ने कहा, ‘‘वे (कांग्रेस) लगातार यह कहेंगे कि उनके परिवार ने देश के लिए बलिदान दिया, हमारे परिवार के सदस्य मारे गए। यह सच है, लेकिन देश की आजादी के लिए कई लोगों ने बलिदाल दिया...अगर आपके पास कोई पद होता है तो आपको उसके साथ आने वाले खतरे भी उठाने होंगे। लेकिन वे कहते रहते हैं कि हमने बलिदान दिया। पूरे देश के लोगों ने बलिदान दिया है।’’ सिंह ने किसी पार्टी और सरकार में एक परिवार के एक से अधिक सदस्य के पद पर काबिज रहने को रोकने के लिए कानून लाने की पैरवी की। इस संदर्भ में उन्होंने कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की। प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का हवाला दिया और कहा कि इनका मकसद समाज के गरीब वर्गों का उत्थान करना है।
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