Jammu Kashmir: आर्टिकल 370 मामले में दो अगस्त से होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दिए ये निर्देश
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय दो अगस्त से सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 2 अगस्त से सुनवाई करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने कहा कि याचिकाओं की सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर दैनिक आधार पर होगी। सुनवाई 2 अगस्त को सुबह 10:30 बजे शुरू होने वाली है। अदालत ने यह भी कहा कि पक्ष इस मामले पर 25 जुलाई तक अपने लिखित दस्तावेज जमा कर सकते हैं।
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आज क्या हुआ
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय दो अगस्त से सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने के लिए आईएएस अधिकारी शाह फैसल द्वारा दिए गए आवेदन पर विचार की मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने के अनुरोध वाली, कार्यकर्ता शेहला राशिद शोरा की याचिका भी विचारार्थ स्वीकार की। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने दस्तावेज दाखिल करने, पक्षों द्वारा लिखित दलीलें देने के लिए 27 जुलाई की समय सीमा तय की है।
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क्या है मामला
याचिकाएं 5 अगस्त, 2019 के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देती हैं, जिसने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देते हुए कुल 23 याचिकाएं दायर की गई हैं। संविधान पीठ ने सभी पक्षों से 25 जुलाई तक ऑनलाइन मोड में अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा है। पीठ ने कहा कि मामले से जुड़ी सभी फाइलें और दस्तावेज पेपरलेस मोड में जमा किये जाने चाहिए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि वह जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर केंद्र की ओर से दाखिल ताजा हलफनामे पर सुनवाई नहीं करेगा। सुनवाई से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को हलफनामा दायर किया और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में "अभूतपूर्व स्थिरता और प्रगति" आई है।
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