J&K में 3 से 4 मिनट में समाप्त हो रहे एनकाउंटर, हथियार चलाना तक नहीं जानते हैं आतंकवादी !
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को ज्यादा समय लगता था लेकिन अब चंद मिनटों में ही एनकाउंटर समाप्त हो रहे हैं।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने जहां अवामा को सेना के साथ जोड़ने का काम किया है तो वहीं दूसरी तरफ आतंकियों को ढेर कर घाटी में शांति व्यवस्था कायम रखने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में आए दिन एनकाउंटर की खबरें सामने आती रहती हैं। हालांकि इन दिनों सुरक्षाबलों को आतंकवादियों का एनकाउंटर करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबल 3 से 4 मिनट के भीतर ही आतंकवादियों को निपटा रहे हैं।
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एक हिन्दी समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पहले एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को ज्यादा समय लगता था लेकिन अब चंद मिनटों में ही एनकाउंटर समाप्त हो रहे हैं। हालांकि स्थानीय नागरिकों को और उनकी सम्पत्तियों को नुकसान न पहुंचे इसको ध्यान में रखते हुए ही सुरक्षाबल आतंकवादियों का एनकाउंटर कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पहले पाकिस्तान आतंकवादियों को अपने यहां पर प्रशिक्षित करके भारत में घुसपैठ कराता था लेकिन अब घुसपैठ की कोशिशों पर लगाम लगी है। ऐसे में आतंकवादी संगठन यहां के स्थानीय युवाओं को गुमराह करके अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, नए-नए आतंक की राह पर चलने वाले युवा प्रशिक्षित नहीं हो पा रहे हैं।
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घुसपैठ की घटनाओं में हुई कमी
हाल ही में श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा था कि कश्मीर में एलओसी के पास स्थिति पूरी तरह काबू में है क्योंकि इस साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में कमी आई है और घुसपैठ की घटनाओं में भी काफी हद तक कमी देखी गई।
हथियार चलाना नहीं जानते आतंकवादी !
मिली जानकारी के मुताबिक नौसिखिए आतंकवादियों को हथियार चलाना नहीं आता है। सेना की विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल रश्मि बाली ने कहा कि सक्रिय आतंकवादियों में आधे से ज्यादा साल 2020 के हैं। जिन्हें हथियार चलाना भी नहीं आता है। हालिया एनकाउंटर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर के तीन एनकाउंटर तो महज पांच मिनट में ही समाप्त हो गए थे। हालांकि ऑपरेशन लंबा चला क्योंकि हम इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि किसी भी स्थानीय नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे।
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