आजाद के आरोप पर बोले जेटली, कश्मीर के इस हाल के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार करने के बजाय इन कामों को चुपचाप अंजाम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने दुश्मन को कमजोर नहीं समझना चाहिए। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले अभी नहीं रूके हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आरेप पर राज्यसभा के नेता सदन एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आजादी के बाद जम्मू कश्मीर के राजनीतिक इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की आज जो वास्तविकता है, उसके पीछे कांग्रेस अपने दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। उन्होंने देश में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम लिये बिना कांग्रेस से कहा कि उनके ही एक नेता जम्मू कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले गये। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र के साथ जितना खिलवाड़ किया है, उतना किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य में 1957, 1962 और 1967 के चुनाव कैसे हुए थे, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है।
FM Arun Jaitley in Rajya Sabha: First free and fair election in Kashmir was held in 1977 when Congress was not in power, it was under Morarji Desai ji. How election processes were done and how govts were formed in the valley during Congress rule everyone knows. pic.twitter.com/oHfoOFDrnU
— ANI (@ANI) January 3, 2019
जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर में एक अधिकारी थे जिन्होंने यह आदेश निकाला था कि सारे उम्मीदवार केवल एक ही व्यक्ति के समक्ष अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके चलते बहुत से उम्मीदवार अपना पर्चा ही दाखिल नहीं कर पाते थे। उन्होंने कहा कि 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के शासनकाल में पहली बार जम्मू कश्मीर में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हुए थे। उन्होंने कहा कि लोग भूले नहीं हैं कि 1984 में तत्कालीन राज्यपाल बी के नेहरू ने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि उन्होंने तोड़फोड़ कर गुल की सरकार बनवाने से इंकार कर दिया था। जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोगों के अलग थलग पड़ने के दावे को सिरे से गलत बताते हुए कहा कि यदि ऐसा ही होता तो राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में 4500 लोग चुनकर नहीं आते।
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उन्होंने कहा कि इतिहासकार और राजनीतिक टिप्पणीकार बता देंगे कि कश्मीर के बारे में नेहरू का दृष्टिकोण सही था या श्यामा प्रसाद मुखर्जी का। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि वह यह आरोप लगाना बंद कर दें कि जम्मू कश्मीर के जो हालात हैं, वे पिछले साढ़े चार साल में बने हैं। सपा के रामगोपाल यादव ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद एवं अलगाववाद के कारण राज्य के पयर्टन सहित विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार करने के बजाय इन कामों को चुपचाप अंजाम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने दुश्मन को कमजोर नहीं समझना चाहिए। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले अभी नहीं रूके हैं।
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