China को लेकर किसकी नीति थी बेहतर, जयशंकर ने नेहरू और पटेल के नजरिये का समझाया अंतर
जयशंकर ने अपने आक्रामक उपायों पर अंकुश लगाने के लिए चीन के साथ यथार्थवाद के साथ जुड़ने के भारत के दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन किया, साथ ही चीन के साथ नेहरूवादी युग की रूमानियत पर भी प्रहार किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोहराया है कि भारत को चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि संबंध तीन आपसी समझ- सम्मान, संवेदनशीलता और हित पर आधारित होने चाहिए। एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में जयशंकर ने अपने आक्रामक उपायों पर अंकुश लगाने के लिए चीन के साथ यथार्थवाद के साथ जुड़ने के भारत के दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन किया, साथ ही चीन के साथ नेहरूवादी युग की रूमानियत पर भी प्रहार किया।
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चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है। मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है। हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा।
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जयशंकर ने कहा कि मैं चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटने का तर्क देता हूं। विदेश मंत्री ने चीन पर व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि मोदी सरकार बहुत अधिक और यथार्थवाद के अनुरूप रही है, जो सरदार पटेल से उत्पन्न हुई थी। भारत के पहले गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दृष्टिकोण में अंतर बताते हुए जयशंकर ने दोनों दिग्गजों के बीच मतभेद पर प्रकाश डाला।
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