जयराम रमेश बोले- भाजपा और टीआरएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
रमेश ने राव पर निशाना साधते हुए कहा कि सुल्तान और निजाम में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए, तेलंगाना में टीआरएस के लिए संदेश है कि यह बीआरएस का समय नहीं, बल्कि वीआरएस लेने का है।
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रमेश ने राव पर निशाना साधते हुए कहा कि सुल्तान और निजाम में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए, तेलंगाना में टीआरएस के लिए संदेश है कि यह बीआरएस का समय नहीं, बल्कि वीआरएस लेने का है। उन्होंने कहा कि तीन चीजें हैं जिनसे आज पूरे भारत में लोग चिंतित हैं, महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी...., एक या दो बड़ी कंपनियों का एकाधिकार और बढ़ती आर्थिक असमानता जैसे मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी चिंता सामाजिक ध्रुवीकरण है क्योंकि समाज को कथित तौर पर धर्म, जाति, भाषा, भोजन और पोशाक के आधार पर विभाजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरी चिंता केंद्रीकरण को लेकर राजनीतिक है। रमेश ने कहा कि चल रही भारत जोड़ो यात्रा मन की बात यात्रा नहीं है, जिसमें लंबे भाषण दिए जाते हैं, बल्कि यह एक ‘‘सुनने वाली यात्रा’’ है जहां लोगों की आवाज सुनी जाती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में दावा किया कि कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो अपने अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए चुनाव कराती है।
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उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या टीआरएस में चुनाव होंगे? क्या भाजपा में चुनाव होंगे?’’ रमेश ने कहा कि चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को दशहरा के कारण दो दिनों (4 और 5 अक्टूबर) के लिए रोक दिया जाएगा और यह छह अक्टूबर से कर्नाटक के मांड्या से फिर से शुरू होगी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी इसमें भाग लेने की उम्मीद है। यात्रा 24 अक्टूबर को तेलंगाना में प्रवेश करेगी और राज्य में 360 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। उन्होंने केंद्र में कांग्रेस या भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी या मोर्चे के सरकार बनाने की संभावना से इनकार किया।
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