इसरो ने अपने सबसे भारी रॉकेट के इंजन सीई-20 का परीक्षण किया, एलवीएम3- एम3 मिशन के लिए तैयार किया गया है
लंदन स्थित उपग्रह संचार कंपनी ‘वनवेब’ के इन उपग्रहों को इसरो की व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) अगले साल की शुरुआत में प्रक्षेपित कर सकती है
तमिलनाडु में महेंद्रगिरि में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)के प्रोपलशन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी)के ‘हाई एल्टिट्यूड टेस्ट’ केंद्र में सीई-20 इंजन की उड़ान संबंधी परीक्षण किया गया। यह इसरो के सबसे भारी रॉकेट का इंजन है। इसरो ने बताया कि यह इंजन एलवीएम3- एम3 मिशन के लिए निर्धारित किया गया है जिसके तहत वनवेब इंडिया-1 के अगले 36 उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि लंदन स्थित उपग्रह संचार कंपनी ‘वनवेब’ के इन उपग्रहों को इसरो की व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) अगले साल की शुरुआत में प्रक्षेपित कर सकती है। एनएसआईएल द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी-एसएचएआर) से 23 अक्टूबर को वनवेब के पहले 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया था। इसके कुछ दिनों के बाद ही शुक्रवार को सीई-20 इंजन का उड़ान संबंधी परीक्षण किया गया। एलवीएम3 इसरो का सबसे भारी रॉकेट है और यह चार टन श्रेणी के उपग्रह को भूसमकालिक कक्षा में भेजने में सक्षम है।
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