भारतीयों को युद्धग्रस्त यूक्रेन भेजने वाली भर्ती एजेंसियों के खिलाफ जांच शुरू: राज्य मंत्री मुरलीधरन

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रूसी सेना में आकर्षक नौकरी के वादे का लालच देकर और फिर वहां जारी संघर्ष में कथित तौर पर मजबूर किए जाने के बाद युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे लोगों में केरल के तीन युवा भी शामिल हैं।

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कहा कि अधिकारियों ने उन एजेंसियों की जांच शुरू कर दी है जिन्होंने भारतीयों को रूसी सेना में आकर्षक नौकरी का लालच देकर युद्धग्रस्त यूक्रेन जाने के लिए भर्ती किया था।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघर्ष क्षेत्र में फंसे सभी लोगों को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और ऐसी भर्ती करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया जारी है।

मुरलीधरन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन (भर्ती) एजेंसियों के खिलाफ जांच जारी है जिन्होंने उन्हें भर्ती किया था। कुछ (भर्ती) एजेंसियों से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए केंद्रीय (जांच) एजेंसियों द्वारा भी कदम उठाए जा रहे हैं।’’

रूसी सेना में आकर्षक नौकरी के वादे का लालच देकर और फिर वहां जारी संघर्ष में कथित तौर पर मजबूर किए जाने के बाद युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे लोगों में केरल के तीन युवा भी शामिल हैं।

तीनों लोगों के परिवारों के अनुसार, उन्हें 2.5 लाख रुपये के भारी वेतन का वादा करके एक भर्ती एजेंसी रूस ले गई और वहां पहुंचने पर उनके पासपोर्ट तथा मोबाइल फोन छीन लिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद उन्हें यूक्रेन में रूसी सेना की ओर से लड़ने के लिए मजबूर किया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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