Special Report: ये राज्य बने मेजबान, 2 दिग्गजों के हाथ में वार्ता की कमान, महाराष्ट्र के 'ऑपरेशन लोटस' की इनसाइड स्टोरी

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jun 22 2022 7:53PM

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार शिंदे और बागी विधायकों के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को सौंपी गई।

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार का संकट लगातार बना हुआ है और इसकी वजह से मुंबई से लेकर गुजरात के सूरत होते हुए असम के गोवाहाटी तक राजनीतिक हलचल तेज है। लगातार बैठकों का दौर जारी है, विधायकों की रखवाली की जा रही है। महाराष्ट्र में ये सियासी संकट एकनाथ शिंदे की वजह से पैदा हुआ है। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायक आज सुबह असम के गुवाहाटी पहुंचे। शिंदे ने जोर देकर कहा कि उनके पीछे 40 विधायक हैं। महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों के लिए सोमवार को हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिन पर उसने प्रत्याशी उतारे थे। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) को दो-दो सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को एक ही सीट से संतोष करना पड़ा। राज्यसभा चुनाव के बाद, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को भाजपा की ओर से महाराष्ट्र में मिला यह दूसरा बड़ा झटका रहा। महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ विधायक विधान परिषद चुनाव के कुछ घंटे बाद सोमवार देर रात सूरत में होटल पहुंचे। ऐसी खबरें और अटकलें हैं कि शिंदे और अन्य विधायक महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयास में भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

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असम और गुजरात बने मेजबान

आज सुबह गुवाहाटी के लिए उड़ान भरने से पहले एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायक सूरत के होटल ली मेरिडियन में डेरा डाले हुए थे। सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे के विद्रोह के पीछे गुजरात भाजपा इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल हैं। जब शिवसेना विधायक सूरत पहुंचे तो उन्होंने मेजबान की तरह काम किया। शिंदे और उनके समर्थकों के आने पर पाटिल ने अपनी सभी निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। वह घटनाक्रम की निगरानी के लिए अहमदाबाद से सूरत पहुंचे। इसके अतिरिक्त, गुजरात पुलिस ने उस होटल में सुरक्षा बढ़ा दी, जहां शिवसेना के विधायक ठहरे हुए थे। सीआर पाटिल मूल रूप से महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले हैं, लेकिन  बाद में वे गुजरात चले गए थे। शिंदे और उनके समर्थकों को सूरत के एक पांच सितारा होटल में रहने का विचार उनके द्वारा तैयार किया गया था। भाजपा पार्टी को आश्वासन दिया गया था कि बागी विधायकों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी क्योंकि सूरत सीआर पाटिल का गृहनगर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सीआर पाटिल ने एकनाथ शिंदे से सूरत के होटल में मुलाकात भी की थी। शिंदे के पूरे गुजरात प्रवास के दौरान सी.आर पाटिल लगातार उनके संपर्क में थे। बुधवार को सूरत से फोकस शिफ्ट होकर गुवाहाटी पर केंद्रित हो गया। वजह क्योंकि शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायक भाजपा शासित असम की राजधानी शहर में प्रवेश कर गए। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में एंट्री हुई जब वो उस होटल में गए जहां शिवसेना के बागी ठहरे हुए थे। हवाई अड्डे पर महाराष्ट्र के विधायकों के आगमन से पहले हिमंत बिस्वा सरमा गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल गए। गुवाहाटी एयरपोर्ट पर बीजेपी विधायक सुशांत बोरगोहेन ने शिवसेना विधायकों का स्वागत किया। बोरगोहेन कथित तौर पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बहुत करीबी बताए जाते हैं। 

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'ऑपरेशन लोटस' के दो वार्ताकार

ये तो हो गई मेजबान की बात अब जरा पूरे घटनाक्रम में वार्ताकर के अहम किरदार पर नजर डालते हैं। खबरें आई हैं कि शिंदे और अन्य विधायक महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार शिंदे और बागी विधायकों के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को सौंपी गई। भूपेंद्र यादव वर्तमान में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री और श्रम और रोजगार मंत्री हैं। वे राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। भूपेंद्र यादव पूर्व में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव का पद भी संभाल चुके हैं। उन्हें राजनीतिक पैंतरेबाज़ी और बातचीत में व्यापक अनुभव रखने वाले पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में जाना जाता है। सीटी रवि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र, गोवा और तमिलनाडु के पार्टी प्रभारी हैं। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण महाराष्ट्र राज्य में उनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि वह उस राज्य में पार्टी के मामलों को देख रहे हैं।

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