भारतीय नौसेना पाकिस्तान में आयोजित युद्धाभ्यास में शामिल होने जा रहे चीनी युद्धपोतों पर रख रही नजर

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पाकिस्तान की ओर से युद्धाभ्यास में पीएनएस शाहजहां और सैफ सहित नौ युद्धपोत, पोत से संचालित तीन हेलीकॉप्टर, चार लड़ाकू विमान, एक स्थिर डैने वाला पनडुब्बी रोधी गश्ती विमान और दर्जनों नौसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। हिंद महासागर को भारतीय नौसेना के प्रभुत्व वाला क्षेत्र माना जाता है लेकिन गत कुछ सालों से चीनी नौसेना इस इलाके में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है जो नयी दिल्ली के लिए चिंता का विषय है।

भारतीय नौसेना पाकिस्तान में आयोजित युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए जा रही चीनी पनडुब्बियों और युद्धपोतों पर करीब से नजर रखे हुए है। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। चीन और पाकिस्तान की नौसेनाओं ने सोमवार को अरब सागर में अपना सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास शुरू किया जिसमें उनकी पहली संयुक्त समुद्री गश्त भी शामिल है। दोनों देशों ने कराची के एक नौसैनिक अड्डे पर ‘समुद्री सुरक्षा खतरों पर संयुक्त प्रतिक्रिया’ विषय के साथ चीन-पाकिस्तान सी गार्जियंस-3 संयुक्त समुद्री अभ्यास शुरू किया। चीन की जन मुक्ति सेना (पीएलए) ने 11 से 17 नवंबर तक होने वाले इस समुद्री युद्धाभ्यास के लिए अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों और पनडुब्बियों सहित कई पोतों को तैनात किया है।

सूत्रों ने बताया कि चीनी युद्धपोतों और पनडुब्बियों के मलक्का जलडमरुमध्य के रास्ते हिंद महासागर में दाखिल होने के साथ ही नौसेना ने उन पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि भारत की व्यापक समुद्री निगरानी के तहत नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के अनुरूप, हिंद महासागर क्षेत्र में सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक युद्धाभ्यास में पीएलए कीनौसेना के दर्जनों नौसैनिक के साथ छह पोत हिस्सा ले रहे हैं जिनमें निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक जिबो, निर्देशित-मिसाइल फ्रिगेट जिंगझोउ और लिनी, और व्यापक आपूर्ति पोत कियानदाओहू, पोत से संचालित दो हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

पाकिस्तान की ओर से युद्धाभ्यास में पीएनएस शाहजहां और सैफ सहित नौ युद्धपोत, पोत से संचालित तीन हेलीकॉप्टर, चार लड़ाकू विमान, एक स्थिर डैने वाला पनडुब्बी रोधी गश्ती विमान और दर्जनों नौसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। हिंद महासागर को भारतीय नौसेना के प्रभुत्व वाला क्षेत्र माना जाता है लेकिन गत कुछ सालों से चीनी नौसेना इस इलाके में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है जो नयी दिल्ली के लिए चिंता का विषय है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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