पाक और चीन से निपटने के लिए भारतीय सेना को मिलेगी 73000 अमेरिकी असॉल्ट राइफल, दाम को लेकर बातचीत जारी
भारतीय सेना ने यूएस की कंपनी से 72400 सीखो राइफल ली हैं। इन राइफल का इस्तेमाल फ्रंटलाइन सैनिक यानी कि एलओसी और एनएससी पर तैनात सैनिक करते हैं।
भारतीय सेना के आधुनिकीकरण को लेकर मोदी सरकार लगातार सक्रियता से काम कर रही है। खबर के मुताबिक भारतीय सेना को 73000 सिग सॉर असॉल्ट राइफल मिल सकती है। इन राइफलओं की संख्या 73000 होंगी जिसके दाम को लेकर अभी बातचीत जारी है। दाम तय होने के बाद ही अमेरिकी कंपनी को इसको लेकर ऑर्डर दिया जाएगा और करीब 1 साल बाद भारतीय सेना को यह मिल पाएगा। इससे पहले भी भारतीय सेना ने यूएस की कंपनी से 72400 सीखो राइफल ली हैं। इन राइफल का इस्तेमाल फ्रंटलाइन सैनिक यानी कि एलओसी और एलएसी पर तैनात सैनिक करते हैं।
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एलएसी पर भारत-चीन तनाव के बीच पिछले साल सितंबर में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 73000 असॉल्ट राइफल खरीद को मंजूरी दी थी। सेना के सूत्रों की माने तो इन राईफलों का इस्तेमाल 3600 किलोमीटर फैले भारत-चीन सीमा पर तैनात जवान करेंगे। आपको यह भी बता दे कि अमेरिकी सेना के साथ-साथ कई यूरोपीय देश की आर्मी भी इन राइफल्स का इस्तेमाल करती रही हैं। यह राइफल मौजूदा इंसास राइफल की जगह ले रही है।
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असॉल्ट राइफल को आधुनिक राइफल माना जाता है। इसका 16 इंच का बैरल है और कैलीबर 7.22 एमएम का है। माना जाता है कि जितना ज्यादा कैलिबर होगा उतना ही घातक हथियार रहेगा। इंसास राइफल ऑटोमेटेड नहीं होता है जबकि असॉल्ट राइफल ऑटोमेटेड है। सेना के सूत्रों का कहना है कि इन राइफल्स से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों से निपटने की क्षमता बढ़ेगी। आपको बता दें कि भारतीय सेना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना है। भारत की सेना पाकिस्तान और चीन से लगती बॉर्डर पर तैनात रहती है। भारतीय सेना की झड़प चीन और पाकिस्तान से आये दिन होती रहती है।
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