भारत लद्दाख में सर्वोच्च बलिदान देने वाले अपने सैनिकों का हमेशा ऋणी रहेगा: अमित शाह

अमित शाह

भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा। पूरे देश के साथ ही मोदी सरकार दुख की इस घड़ी में उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि भारत हमेशा अपने उन सैनिकों के प्रति ऋणी रहेगा जिन्होंने लद्दाख के गलवान में देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि उनकी वीरता मातृभूमि के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। शाह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि लद्दाख के गलवान में अपने बहादुर सैनिकों को खोने के दर्द को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा। पूरे देश के साथ ही मोदी सरकार दुख की इस घड़ी में उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’ गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र उन अमर नायकों को सलाम करता है जिन्होंने भारतीय भूभाग को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया। उन्होंने कहा, उनकी बहादुरी अपनी भूमि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मैं उन परिवारों को नमन करता हूं जिन्होंने भारतीय सेना को ऐसे महान नायक दिये हैं। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में सोमवार को एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाये जाने पर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए, देश की एकता और संप्रभुता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। पिछले पांच दशक में दोनों सेनाओं के बीच सबसे बड़ी झड़प पर सरकार की ‘चुप्पी’ को लेकर विपक्ष ने सवाल किए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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