एस-400 डील पर भारत ने अमेरिका से कहा, रूस से क्या खरीदना है क्या नहीं, यह हमारा अधिकार
भारत ने 5.2 अरब डॉलर की पांच एस-400 प्रणालियां खरीदने पर पिछले साल सहमति जताई थी और रूस ने कहा है कि इन्हें मुहैया कराने का काम चल रहा है।
वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की ओर से प्रतिबंध के खतरे के बावजूद रूस से मिसाइल हथियार प्रणाली खरीदने के भारत के अधिकार का बचाव किया है। जयशंकर ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान सोमवार को कहा कि भारत अमेरिकी चिंताओं पर बात कर रहा है लेकिन उन्होंने रूस से एस-400 खरीदने के संबंध में किसी भी अंतिम निर्णय के बारे में पहले से बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने हमेशा कहा है कि हम जो भी खरीदते हैं- सैन्य उपकरणों को जहां से लेते हैं- वह हमारा सम्प्रभु अधिकार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से हमें क्या खरीदना है और क्या नहीं और न ही हम चाहते हैं कि कोई देश हमें यह बताए कि अमेरिका से क्या खरीदना है और क्या नहीं।’’
A good conversation with @SecPompeo focusing on the further progress of our bilateral relations. Also discussed important regional and global issues. Welcomed the continuing development of a key partnership. pic.twitter.com/cckktoXt1X
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 1, 2019
जयशंकर ने कहा, ‘‘इस चयन का अधिकार हमारा है और मुझे लगता है कि इस बात को समझना हरेक के हित में है।’’ भारत ने 5.2 अरब डॉलर की पांच एस-400 प्रणालियां खरीदने पर पिछले साल सहमति जताई थी और रूस ने कहा है कि इन्हें मुहैया कराने का काम चल रहा है। रूस की यूक्रेन एवं सीरिया में सैन्य संलिप्तता और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों के कारण अमेरिका ने 2017 कानून के तहत उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया है जो रूस से ‘‘बड़े’’ हथियार खरीदते हैं। जयशंकर ने अमेरिका के साथ कुल मिलाकर अच्छे संबंधों को सराहा लेकिन ईरान के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नजरिए को लेकर भारत के मतभेद को रेखांकित किया।
इसे भी पढ़ें: भारत का अमेरिका की घरेलू राजनीति की ओर निर्दलीय रुख है: जयशंकर
अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए सभी देशों को उससे तेल खरीदने से रोकने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को मिली छूट समाप्त कर दी थी। जयशंकर ने ईरान पर बातचीत को लेकर आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि भारत के लिए ‘‘हमें बार-बार भरोसा दिलाया गया है कि ऊर्जा के प्रति किफायती पहुंच में कोई बदलाव नहीं होगा।’’ भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है ताकि पाकिस्तान से न जाकर, अफगानिस्तान की ओर से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
अन्य न्यूज़