परमाणु युद्ध झेल पाएंगे भारत और पाकिस्तान? किसे कितना होगा नुकसान
दिल्ली के इंडिया गेट पर यदि 100 केटी की क्षमता वाला परमाणु बम गिरता है तो फॉयरबॉल (दायरा 0.79 किलोमीटर) के क्षेत्र में आने वाली सभी चीजें गैस में तब्दील हो जाएंगी यानि कि इंडिया गेट के 0.79 किलोमीटर के दायरे में आने वाली सभी चीजें विलुप्त हो सकती हैं।
दोनों तरफ तनाव बराबर बना हुआ है। मगर फिलहाल ऐसा भी नहीं है कि दोनों देश खुद को जंग में झोंक दें। पर अगर मान लें कि दोनों देश जंग में कूद पड़ते हैं और फिर कहीं भारत पाकिस्तान के बीच परमाणु जंग शुरु हो गई तो क्या होगा? तस्वीर भयानक होगी। एक हफ्ते में ही 2 करोड़ दस लाख लोग मारे जाएंगे। इनमें से 50 लाख लोग बम की तपिश में झुलस जाएंगे। जो बचेंगे उन्हें रेडिएशन मार देगा। दुनिया से सर्दी-गर्मी का मौसम ही खत्म हो जाएगा। आधी ओजोन परत बर्बाद हो जाएगी। वनस्पतियों और पेड़-पौधों का निशान मिट जाएगा। आधी दुनिया भूख से मर जाएगी। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान और उसके कप्तान इमरान खान से लेकर वहां के मंत्री तक परमाणु युद्ध की धमकी दे रहे हैं। बरसों बरस इन गीदड़भभकियों से आजिज आकर भारत के गृह मंत्री से रक्षा मंत्री बने राजनाथ सिंह ने निंदा करने की बजाए नीति बदलने पर विचार करने के संकेत दिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत भी ऐटमी हथियारों को पहले प्रयोग नहीं करने की नीति बदल सकता है। बता दें कि भारत ने लंबे समय से पहले परमाणु हमला नहीं करने की नीति का ऐलान किया है, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिनों पहले एक बयान दिया था कि परिस्थितियों के अनुसार भारत अपनी इस रणनीति में बदलाव कर सकता है। क्या सच में दोनों देश परमाणु युद्ध करेंगे? ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि अगर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध होता है तो बात सिर्फ हिन्दुस्तान और पाकिस्तान की नहीं बल्कि दांव पर पूरी दुनिया होगी। किसे कितनी तबाही का सामना करना पड़ेगा, आइए डालते हैं विस्तृत रिपोर्ट पर नजर...
भारत की परमाणु मिसाइलें
- पृथ्वी-II का रेंज 350 किलोमीटर
- अग्नि-I का रेंज 700 किलोमीटर
- अग्नि-II का रेंज 2000 किलोमीटर
- अग्नि-III का रेंज 3200 किलोमीटर
- अग्नि-IV का रेंज 3500 किलोमीटर
पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलें
- नस्त्र का रेंज 60 से 70 किलोमीटर
- अब्दाली का रेंज 200 किलोमीटर
- गजनवी का रेंज 300 किलोमीटर
- शाहीन-I का रेंज 750 किलोमीटर
- शाहीन-Iए का रेंज 900 किलोमीटर
- गौरी का रेंज 1250 किलोमीटर
- शाहीन-II का रेंज 1500 किलोमीटर
- अबाबील का रेंज 2200 किलोमीटर
- शाहीन-III का रेंज 2750 किलोमीटर
किसके पास कितने परमाणु बम?
आज दुनिया के पास पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा क्षमता वाले परमाणु बम हैं। ऐसे में परमाणु युद्ध के बाद की तस्वीर भयावह होगी। दुनिया में कई देशों के पास परमाणु हथियार मौजूद हैं। इस रेस में सबसे आगे रूस और अमेरिका हैं।
- रूस- 6500 परमाणु हथियार
- अमेरिका- 6185 परमाणु हथियार
- फ्रांस- 300 परमाणु हथियार
- चीन- 290 परमाणु हथियार
- ब्रिटेन- 215 परमाणु हथियार
- इस्राइल- 80 परमाणु हथियार
- पाकिस्तान- 140-150 परमाणु हथियार
- भारत- 130-140 परमाणु हथियार
- उत्तर कोरिया- 20-30 परमाणु हथियार
दिल्ली में अगर 100 किलोटन का एटम बम गिरा तो कितना होगा असर
दिल्ली के इंडिया गेट पर यदि 100 केटी की क्षमता वाला परमाणु बम गिरता है तो फॉयरबॉल (दायरा 0.79 किलोमीटर) के क्षेत्र में आने वाली सभी चीजें गैस में तब्दील हो जाएंगी यानि कि इंडिया गेट के 0.79 किलोमीटर के दायरे में आने वाली सभी चीजें विलुप्त हो सकती हैं। एयरब्लास्ट-1 का दायरा 3.21 किलोमीटर का होता है। इस दायरे में आने वालीं सभी इमारतें जमींदोज हो जाएंगी और सौ प्रतिशत तबाही होगी। इसका रेडिएशन 10.5 किलोमीटर तक फैलेगा जिससे 50 से 90 प्रतिशत तबाही होगी। रेडियोएक्टिविटी की चपेट में रेवाडी़, रोहतक, हिसार, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा और अलवर होंगे।
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वहीं एयरब्रस्ट-2 के दायरे 14.2 किलोमीटर में आने वाली ज्यादातर इमारतें धराशायी हो जाएंगी। परमाणु हमले का थर्मल रेडिएशन 47.9 किलोमीटर तक फैलेगा और 100 प्रतिशत थर्ड डिग्री बर्न की आशंका रहेगी। एयरब्लास्ट-3 का दायरा 93.7 किलोमीटर का होता है। इस दायरे में इमारतों के कांच टूट जाएंगे। परमाणु हमले के विकिरण का प्रभाव बहुत कुछ हवा के बहाव पर निर्भर करेगा। परमाणु हमले से होने वाला विकिरण काफी दूर तक जाता है। दिल्ली पर गिरने वाले बम का विकिरण रेवाड़ी, रोहतक, हिसार, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा और अलवर तक को अपनी चपेट में ले लेगा।
इस्लामाबाद में अगर 100 किलोटन का एटम बम गिरा तो कितना होगा असर
इस्लामाबाद पर यदि 100 केटी का परमाणु बम गिरा तो वहां भी तबाही व बर्बादी का मंजर कमोबेश दिल्ली जैसा ही होगा। परमाणु हमले से पैदा होने वाले विकिरण के प्रभाव में एबटाबाद, पेशावर, बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा और जलालाबाद आएंगे।
एयर ब्लास्ट क्या होता है?
एयर ब्लास्ट जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है हवा में ब्लास्ट होना। ये हवा में विस्फोट होने के बाद उच्च क्षमता का दबाव बनाता है और थर्मल रेडिएशन को बढ़ाता है। हिरोशिमा में गिराया गया 15 किलोटन का परमाणु बम हवा में ही विस्फोट हुआ था। विस्फोट के बाद तेज झटके उत्पन्न होते हैं, हवा के दबाव में अचानक बदलाव आता है, हवा के दबाव में बदलाव के बाद इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं। इससे लाखों लोगों की जान भी जा सकती है और पेड़-पौधे भी नष्ट हो सकते हैं।
पाकिस्तान के पास हैं भारत से ज्यादा परमाणु बम
भारत के पास इस वक्त करीब 110-120 परमाणु बम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 120-130 परमाणु बम हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कई छोटे-छोटे परमाणु हथियार तैयार कर रखे हैं, जिसके इस्तेमाल की धमकी वो हमेशा देता रहता है। भारत के पास छोटे-छोटे परमाणु हथियार नहीं है। जो भी हैं, उनका असर बड़ा और खतरनाक हो सकता है। भारत की मिसाइलों की जद में पूरा पाकिस्तान आता है। जबकि पाकिस्तान की मिसाइल 2750 किलोमीटर तक परमाणु हथियारों से हमला कर सकती है।
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