संकट के समय विदेशों से भारतीयों को निकालने में भारत का रहा है शानदार रिकॉर्ड, अफगानी जमीं पर भी ऑपरेशन जारी
अनुराग गुप्ता । Aug 17 2021 5:37PM
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पहली बार सत्ता संभाली थी और सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। उस दौर में सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारतीयों की वतन वापसी में पैसा आड़े हाथ नहीं आना चाहिए।
नयी दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हाहाकार मचा हुआ है। भारत सरकार अपने लोगों को वहां से निकालने के लिए आपातकालीन ऑपरेशन चला रही है। इसके अलावा सरकार पड़ोसी होने का धर्म भी निभा रही है। ऐसे में हम बात करेंगे केंद्र की मोदी सरकार द्वारा चलाए गए उन ऑपरेशनों की जिसके जरिए विदेशी जमीं पर संकट में फंसे भारतीयों की घर वापसी हुई।
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इराक से 130 भारतीयों की वतन वापसी
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पहली बार सत्ता संभाली थी और सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। उस दौर में सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारतीयों की वतन वापसी में पैसा आड़े हाथ नहीं आना चाहिए। दरअसल, साल 2014 में इराक में 120 भारतीय युद्ध क्षेत्र में फंसे थे। जिसमें 46 नर्सें भी शामिल थी। इराक में आईएसआईएस ने हमले तेज कर दिए थे। सभी भारतीय नर्सों को बंधक बना लिया था। हालांकि तत्कालीन विदेश मंत्री के नेतृत्व में ऑपरेशन चलाया गया और एयर इंडिया के विमान से सभी की वतन वापसी हुई।यमन से भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने झोंकी ताकतयमन के गृहयुद्ध में फंसे 4,000 भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ने अभूतपूर्व अभियान चलाया था। इस दौरान वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों के अलावा नौसेना के तीन युद्धपोतों (आईएनएस सुमित्रा, आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश) को तैनात किया गया था।दरअसल, यमन में गृहयुद्ध की वजह से तत्कालीन राष्ट्रपति सऊदी अरब भाग गए हैं। यहां पर भी हालात कुछ-कुछ अफगानिस्तान जैसे ही थे। हुथी समुदाय के शिया चरमपंथियों ने यमन के बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था। जिसके जवाब में सऊदी सेना की अगुआई में 10 देशों की सेना संयुक्त मोर्चा संभाला था और हवाई हमले किए थे।इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान-तालिबान विवाद के बीच जानें कौन-सा मुस्लिम देश किसकी तरफ है?
ऑपरेशन संकटमोचन
साल 2016 में मोदी सरकार ने ऑपरेशन संकटमोचन चलाकर सूडान में फंसे भारतीयों को बाहर निकाला था। इस ऑपरेशन का श्रेय तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह को जाता है। दक्षिण सूडान में फंसे 600 नागरिकों को निकालने के लिए वीके सिंह खुद भारतीय दल के साथ पहुंचे थे। इस दौरान C-17 विमान के माध्यम से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था।आपातकालीन ऑपरेशन जारीअफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने आपातकालीन ऑपरेशन चलाया है। इसके जरिए मंगलवार को काबुल से 120 भारतीयों को लेकर वायुसेना का सी-17 विमान गुजरात के जामनगर में लैंड हुआ। अभी भी सरकार अपने लोगों को निकालने के लिए अथॉरिटी से बात कर रही है।इसके अलावा भारत सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान सबसे बड़ा वंदे भारत अभियान चलाया था लेकिन हम महामारी के दौरान वतन वापसी करने वाले भारतीयों की बात नहीं कर रहे हैं।We're now on WhatsApp. Click to join.
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