भारत और रूस किसी भी देश के आंतरिक मामलों में ‘बाहरी प्रभाव’ के खिलाफ: मोदी
दोनों नेताओं ने 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच दो घंटे तक एक पोत पर अकेले में बातचीत हुई जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को मजबूती प्रदान करना था।
व्लादिवोस्तोक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद कहा कि भारत और रूस किसी भी देश के आंतरिक मामलों में ‘बाहरी प्रभाव’ के खिलाफ हैं। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, तेल एवं गैस, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और समुद्री सम्पर्क में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे मोदी पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) में भी शामिल होंगे। वह रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम दोनों किसी भी देश के आंतरिक मामले में बाहरी प्रभाव के खिलाफ हैं।’’ मोदी की यह टिप्पणी भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में आयी है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करना उसका एक आंतरिक मामला है। भारत ने इसके साथ ही पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की भी सलाह दी है। रूस ने जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि दर्जे में परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के अनुरूप है। दोनों नेताओं ने 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच दो घंटे तक एक पोत पर अकेले में बातचीत हुई जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को मजबूती प्रदान करना था।
Memories and moments, from 2001 and 2019!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2019
While participating in the 20th India-Russia Summit today, my mind also went back to the India-Russia Summit of November 2001 when Atal Ji was PM. That time, I was honoured to be a part of his delegation as Gujarat CM. pic.twitter.com/G9vHMkagfR
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दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, तेल एवं गैस, खनन, परमाणु ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, परिवहन आधारभूत ढांचा, हाई..टेक, बाहरी अंतरिक्ष और लोगों के बीच सम्पर्क के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच पूरी तरह से विकसित समुद्री मार्ग होने का एक प्रस्ताव किया गया है। चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री संचार विकसित करने के बारे में भारत और रूस के बीच एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में रूस के सहयोग से परमाणु संयंत्रों के बढ़ते स्थानीयकरण के चलते हम इस क्षेत्र में एक सच्ची साझेदारी विकसित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत-रूस की मित्रता उनकी राजधानियों तक ही सीमित नहीं है। हमने इस संबंध के मूल में लोगों को जोड़ा है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान-गगनयान परियोजना के लिए प्रशिक्षित करेगा। दोनों पक्षों ने रक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, ऊर्जा, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और व्यापार जैसे क्षेत्रों में 15 समझौतों या सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये। मोदी ने कहा, ‘‘दोनों देशा के बीच मित्रता और सहयोग पूरी गति से बढ़ रहा है...हमारा विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी ने न केवल हमारे देशों को लाभान्वित किया है बल्कि इसका इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए हुआ है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम दोनों हमारे संबंध को सहयोग एवं समर्थन के एक एक नये स्तर पर ले गए हैं जिसके परिणामस्वरूप न केवल मात्रात्मक परिवर्तन बल्कि गुणात्मक परिवर्तन भी हुए हैं।’’ पुतिन ने कहा कि भारत रूस के प्रमुख साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच संबंध रणनीतिक और विशेषीकृत प्रकृति का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले साल व्यापार और निवेश सहयोग पर अपनी प्राथमिकताएं रखीं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 17 प्रतिशत बढ़ा और 11 अरब अमरिकी डालर तक बढ़ गया। इसके और बढ़ने के लिए जरूरी अनुकूल माहौल है।’’
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उन्होंने कहा कि भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के लिए एक सहमति तक पहुंचना दोनों पक्षों का साझा लक्ष्य है। यह उल्लेख करते हुए कि रूस भारत का एक विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्तिकर्ता स्रोत है, पुतिन ने कहा, ‘‘पिछले साल हमने भारत को 33 लाख टन तेल, लगभग 550 हजार टन तेल उत्पाद और 45 लाख टन कोयला भेजा।’’ उन्होंने कहा कि प्रमुख संयुक्त परियोजना कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में सहयोग है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली दो इकाइयां पहले से ही चालू हैं। तीसरी और चौथी इकाई के लिए काम तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है।’’ पुतिन ने तकनीकी और सैन्य क्षेत्रों में भारत और रूस के बीच सहयोग को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हम 2020 तक सैन्य और तकनीकी सहयोग पर अपने द्विपक्षीय कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं। हम इसे 10 साल तक बढ़ाने के लिए इसे अद्यतन करने पर काम कर रहे हैं।’’ इससे पहले ईईएफ के इतर आयोजित शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि रूस, भारत का एक ‘‘अभिन्न मित्र और भरोसेमंद साझेदार’’ है। उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विस्तार को लेकर पुतिन के व्यक्तिगत प्रयासों की प्रशंसा की। रूस एशियाई देशों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए 2015 से ईईएफ का आयोजन कर रहा है। मोदी ने उन्हें रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को दिखाता है। यह 1.3 अरब भारतीयों के लिए सम्मान की बात है।’’ प्रधानमंत्री मोदी को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में उनके असाधारण प्रयासों के लिए अप्रैल में रूस द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ सम्मान के लिए नामित किया गया था। यह पुरस्कार रूस का सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।
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