कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत-ऑस्ट्रेलिया एक साथ, अनुसंधान सहयोग बढ़ाने का व्यक्त किया संकल्प
अपने शुरूआती संबोधन में मोदी ने महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से दुनिया को जल्दी बाहर निकालने के लिये एक समन्वित एवं एकजुट पहल की वकालत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और ख़ास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूँ।’’ मोदी ने आस्ट्रेलिया में कोविड-19 के कारण प्रभावित लोगों और परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा कि इस महामारी ने दुनिया में सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। मोदी-मॉरिसन वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और आस्ट्रेलिया कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों से निपटने और लोगों की जान बचाने में वैश्विक सहयोग के महत्व और भविष्य में आने वाली वैश्विक चुनौतियों को समझता है। बयान के अनुसार, ‘‘ हम वैज्ञानिक और चिकिम्सा अनुसंधान एवं विकास तथा स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को मजबूत बनाने से जुड़े लाभों को साझा करेंगे तथा कोविड-19 के संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के स्वतंत्र एवं समग्र मूल्यांकन की सिफारिशों को वैश्विक महामारी रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता को बेहतर बनाने पर बल देंगे। ’’ इसमें कहा गया है कि भारत और आस्ट्रेलिया ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया ताकि कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिक्रिया को बढ़ावा दिया जा सके। बयान में कहा गया है कि, ‘‘ हम कोविड-19 के उपचार और इसके लिये नवोन्मेषी समाधान को बढ़ावा देने के लिये आस्ट्रेलिया-भारत सामरिक शोध कोष के नये चरण के लिये प्रतिबद्ध हैं।’’🇮🇳-🇦🇺| Shared perspective, shared approach
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) June 4, 2020
PM @narendramodi & Australian PM @ScottMorrisonMP reviewed the broad framework of the India-Australia relationship and noted the progress in the relationship across many fields. pic.twitter.com/2hHV5kaOCH
इसे भी पढ़ें: भाजपा सांसद का बयान, प्रवासी मजदूरों की बदहाली के लिए इंदिरा गांधी जिम्मेदार
इसमें कहा गया है कि दोनों देश साल 2020 में विशेष कोविड-19 गठजोड़ चक्र से जुड़ी संयुक्त प्रतिबद्धता के लिये भी कृत संकल्प हैं। संयुक्त बयान के अनुसार, भारत और आस्ट्रेलिया ने बहुस्तरीय, क्षेत्रीय स्तर पर तंत्र को मजबूत बनाकर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी एवं अन्य वस्तु एवं सेवाओं से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला के विविधिरण के लिये मिलकर काम करने का निर्णय किया है। दोनों देशों ने साइबर एवं साइबर युक्त प्रौद्योगिकी तथा खनिज एवं खनन, सैन्य प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक शिक्षा तथा जल संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता किया। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा चुनौतियों, विश्व व्यापार संगठन में सुधार तथा कोरोना वायरस संकट से निपटने के रास्तों सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच खनिज एवं खनन क्षेत्र में सहयोक को लेकर सहमति पत्र किया गया। इसके तहत दोनों पक्षों ने सामरिक एवं विशिष्ट खनिजों के खनन एवं संबर्द्धन पर काम करने और भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिये प्रौद्योगिकी मांगों को पूरा करने के लिये काम करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में भी साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की और कृषि शोध, शिक्षा, विकास एवं क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग के लम्बे इतिहास का भी उल्लेख किया। दोनों देशों ने इस बात का जिक्र किया कि बाजार पहुंच के मुद्दे पर कुछ प्रगति हुई है और दोनों ने इस संबंध में बातचीत जारी रखने की मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अन्य न्यूज़