LAC के पास भारत और अमेरिका दिखाएंगे अपनी ताकत, संयुक्त सैन्याभ्यास से चीन को जाएगा कड़ा संदेश
भारत अमेरिका के होने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से चीन टेंशन में है। उत्तराखंड के औली में 14 से 31 अक्टूबर तक ये सैन्य अभ्यास चलेगा। उत्तराखंड सटी एलएसी भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है।
सीमा पर हेकड़ी दिखाने वाले चीन को भारत और अमेरिका की सेनाएं मिलकर बड़ा जवाब देने की तैयारी में है। ताइवान विवाद को लेकर चीन और अमेरिका में ठन गई है। एलएसी पर चीन उकसावे वाली कार्रवाई लगातार करता रहता है। अब भारत और अमेरिका ने ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने की ठान ली है। भारत और अमेरिका की सेनाएं चीन के बॉर्डर के पास सैन्य अभ्यास करेंगी। भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संयुक्त युद्धभ्यास का ये 15वां संस्करण है। दोनों सेनाओँ के बीच सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज होती है। जिसे युद्धाभ्यास के नाम से जाना जाता है। एक साल ये एक्सरसाइज भारत में होती है और एक साल अमेरिका में होती है।
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भारत अमेरिका के होने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से चीन टेंशन में है। उत्तराखंड के औली में 14 से 31 अक्टूबर तक ये सैन्य अभ्यास चलेगा। उत्तराखंड सटी एलएसी भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है। यहां पर एलएसी का बाड़ोहती इलाका भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित रहा है। दोनों सेनाओं के बीच इस युद्ध अभ्यास का मकसद भारत अमेरिका की समझ, सहयोग और आपसी तालमेल को बढ़ाना है। हालांकि इस मिलिट्री एक्सरसाइज का डिप्लोमैटिक संदेश भी चीन को जाएगा।
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सीमा पर चीन रह रहकर अपनी उकसावे वाली रणनीति अपनाता रहता है। पूर्वी लद्दाख में पीएलए के लड़ाकू विमान एलएसी के काफी करीब से उड़ान भरते हुए भी नजर आते थे। हालांकि इस पर भारत की तरफ से आपत्ति भी जताई गई थी। चीनी सेना की हरकतों से उसकी नीति और नियत साफ प्रदर्शित होती है। वैसे यह युद्धाभ्यास ऐसे समय होने जा रहा है जब ताइवान के मसले पर यूएस-चीन में टकराव बढ़ गया है। सीमा पर चीन की गतिविधियां हाल के दिनों में बढ़ी हैं, एलएसी तक उसके फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी।
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