'बढ़ती जनसंख्या देश के लिए बड़ी चुनौती', Giriraj Singh बोले- वन चाइल्ड पॉलिसी पर सोचने की जरूरत

Giriraj Singh
ANI
अंकित सिंह । Jul 10 2024 7:48PM

आरएसएस की पत्रिका में आबादी के क्षेत्रीय असंतुलन को लेकर चिंता जताई गई है। आरएसएस संबंधी पत्रिका ने देश में जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कुछ खास क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी बेतहाशा बढ़ी है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर से बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताी है। एक बयान में उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या आज इस देश के लिए एक चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत की बढ़ती जनसंख्या हमारे लिए एक तरह की चेतावनी है। अगर चीन वन चाइल्ड पॉलिसी नहीं लाता तो इस दुनिया में 60 करोड़ से ज्यादा लोग होते। उन्होंने कहा कि भारत में, हमारे पास सीमित संसाधन हैं; ऐसे में अब समय आ गया है कि इस पर चर्चा की जाए। 

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इससे पहले भी गिरिराज सिंह ने गुरुवार को 1950 के बाद से देश में मुसलमानों की आबादी में बढ़ोतरी के लिए कांग्रेस की कथित तुष्टिकरण की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 1971 के बाद विशेष रूप से बिहार और सामान्य तौर पर देश में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्याओं को आश्रय दिया। उन्होंने कहा था कि 1947 में कुल जनसंख्या में 88 प्रतिशत हिन्दू थे और अब यह घटकर 70 प्रतिशत रह गया है। दूसरी ओर, मुस्लिम आबादी 1947 में 7 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई। यह सब कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हुआ। 

आरएसएस की पत्रिका में आबादी के क्षेत्रीय असंतुलन को लेकर चिंता जताई गई है। आरएसएस संबंधी पत्रिका ने देश में जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कुछ खास क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी बेतहाशा बढ़ी है। इस पर काबू पाने के लिए देश को एक जनसंख्या नियंत्रण नीति अपनाने की जरूरत है। पत्रिका के संपादकीय हिस्से में ये लेख छापा गया है। जिसमें इस पर काबू पाने के लिए राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति अपनाने को जरूरत बताया गया है। लेख में पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में नियंत्रण को लेकर उठाए गए कदमों को और बेहतर बताया गया। 

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साथ ही इस बात का डर भी जताया गया कि अगर मूल आबादी ही बदल गई तो इससे संसद में सीटों में जीत और हार में भी फर्क पड़ेगा। लेख में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर है। लेकिन ये सभी क्षेत्रों और धर्मों में समान नहीं है। जनसंख्या की स्थिति पर चिंता जताई गई और साथ ही नीति के जरिए इसमें दखल देने को कहा गया है। सीमा से जुड़े इलाकों में मुस्लिम आबादी बहुत तेजी से बढ़ी है। जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड शामिल हैं। जहां अप्राकृतिक रूप से मुसलमानों की आबादी बढ़ी है। 

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