लोकसभा के मौजूदा सत्र में 20 वर्षों में सबसे अधिक कामकाज हुआ
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार लोकसभा अपने तय समय से अधिक काम कर रही है और उसने विधायी कार्यों को पूरा करने के लिये दो बार मध्यरात्रि तक काम किया है।
नयी दिल्ली। 17वीं लोकसभा के मौजूदा सत्र के दौरान पिछले 20 साल में सबसे अधिक कामकाज हुआ है। निचले सदन में मंगलवार तक कामकाज का स्तर 128 प्रतिशत रहा है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने यह बात कही है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार लोकसभा अपने तय समय से अधिक काम कर रही है और उसने विधायी कार्यों को पूरा करने के लिये दो बार मध्यरात्रि तक काम किया है।
The ICJ said that Pakistan breached Vienna laws without informing India. The judgement was not only in favour of India but all those who believes in law: S. Jaishankar, External Affairs Minister pic.twitter.com/aH6ozOpPka
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) July 18, 2019
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने कहा, इस सत्र में लोकसभा अपने तय समय से अधिक काम कर रही है। 16 जुलाई 2019 तक लोकसभा के कामकाज का स्तर 128 प्रतिशत रहा, जो पिछले 20 वर्षों में किसी भी सत्र में सबसे अधिक है।
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इसी प्रकार राज्यसभा में भी अपेक्षाकृत अधिक कामकाज हुआ है, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन लोकसभा की तरह बहुमत में नहीं है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार उच्च सदन के कामकाज का स्तर मंगलवार तक 98 प्रतिशत रहा। संसद का सत्र 17 जून से शुरू हुआ था और 26 जुलाई को समाप्त होगा।
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